वंशिका – मोहब्बत की मौत
Title : वंशिका – मोहब्बत की मौत (दूसरा भाग)
Category : Love, Fantasy, Crime
यह कहानी का दूसरा भाग है और इस कहानी को समझने के लिये, कृपया पहले भाग को ज़रूर पढ़ें ...
वंशिका और राहुल ने परिवार के खिलाफ जा कर कोर्ट मैरिज की थी, जिसकी वजह से परिवार ने उनका त्याग कर दिया था लेकिन वे दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे और उनकी ज़िंदगी बहुत अच्छी चल रही थी, दोनों अपने परिवार को भूल चुके थे, वे दोनों एकदूसरे के लिये सबकुछ थे, जैसे दो जिस्म एक जान हो, दोनों एकदूसरे में खोये रहते थे। राहुल प्राइवेट जॉब करने लगा और वंशिका घर पर ही रहती थी, राहुल ऑफिस से लौटते वक्त उसके लिये चॉकलेट लेकर आता और वंशिका भी उसके लिये नये-नये पकवान बनाकर तैयार रखती और राहुल को अपने हाथों से खिलाती। समय बीतता गया और उनकी शादी को आठ महीने हो चुके थे, सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन जीवन में कष्ट कभी बताकर नहीं आते, शायद राहुल का प्यार कम होने लगा था, वह अपने काम में व्यस्त रहने लगा और वंशिका के लिये चॉकलेट लाना भूलने लगा। राहुल देर रात तक घर नहीं आता और लगभग तो बाहर ही रहने लगा, वह बहाने बनाने लगा और वंशिका से झूठ बोलने लगा और उससे कहता कि ऑफिस के काम की वजह से घर नहीं आ पाऊंगा, तुम मेरा इंतजार मत करना। लेकिन वंशिका उससे बहुत प्यार करती थी और उसे खाना खिलाने के बाद ही खुद खाती थी, जिस दिन राहुल घर नहीं आता उस दिन वह भूखी ही सो जाती, राहुल भी जानता था कि वंशिका उसके बिना खाना नहीं खायेगी लेकिन उसको कोई फर्क नहीं पड़ता था। काम की वजह से सहकर्मियों से बात करनी ही पड़ती है, चाहे वह लड़का हो या लड़की, वंशिका यह समझती थी और वह दोस्ती की भी कद्र करती थी इसलिये उसने कभी राहुल पर शक नहीं किया। लेकिन राहुल को परवाह नहीं थी, उसके मन में कुछ अलग ही खिचड़ी पक रही थी, ऑफिस की लड़की से राहुल का रिश्ता गहरा होता जा रहा था। वह वंशिका के साथ रह-रहकर ऊब चुका था और उससे तंग आ चुका था, इसलिये वह दूसरी लड़की के साथ चक्कर चलाने लगा और वह वंशिका का भरोसा तोड़ने लगा और काम के बहाने संध्या (ऑफिस की लड़की) के साथ रहने लगा। किसी का भरोसा तोड़कर भरोसेमंद इंसान पाना उस सपने जैसा है जो आंख खुलते ही टूट जाता है, वंशिका ने अपने परिवार का भरोसा तोड़ा था और अपने परिवार को दुख दे कर ही राहुल के साथ शादी की थी, शायद इसलिये ही वंशिका को राहुल से धोखा मिल रहा है क्योंकि कर्म वापस आते हैं और उसके साथ भी वही करते हैं जो उसने अपने परिवार के साथ किया। राहुल को घर आने में देर हो गई, रात के लगभग ग्यारह बज रहे थे और वंशिका उसका इंतजार कर रही थी, वैसे तो इंतजार करना वंशिका के लिये नई बात नहीं थी लेकिन आज का दिन उसके लिये खास था क्योंकि आज उसका जन्मदिन था और वह अपना जन्मदिन राहुल के साथ मनाना चाहती थी। तभी अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई, शायद राहुल आया होगा ... यह सोचकर वंशिका ने दरवाजा खोला, राहुल को देखकर वह दंग रह गई क्योंकि राहुल शराब पीकर आया था। वंशिका ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और पूछा – आप तो शराब पीते ही नहीं हो, फिर आज कैसे? अरे वो दोस्त का जन्मदिन था तो थोड़ी पी ली ... राहुल नशे में बड़बड़ाता हुआ बेडरूम में चला गया और जूते पहने हुए ही सो गया। वंशिका भी उसके पीछे बेडरूम में गई और उसके जूते उतार कर उसे ठीक से लिटा दिया, उसे खाना खाने के लिये कहा पर राहुल ने कोई जवाब नहीं दिया। वंशिका के चेहरे पर उदासी थी क्योंकि राहुल को तो यह भी याद नहीं था कि आज वंशिका का जन्मदिन है, उसका जन्मदिन मनाना और उपहार देना तो दूर की बात थी। वंशिका खाना खाये बिना ही हॉल में जा कर सोफे पर बैठ गई और पुराने दिनों को याद करने लग गई, वह सोचने लगी कि राहुल कितना बदल गया है और वह पहले जैसा नहीं रहा, पहले वह कितना ख्याल रखता था,...
Category : Love, Fantasy, Crime
यह कहानी का दूसरा भाग है और इस कहानी को समझने के लिये, कृपया पहले भाग को ज़रूर पढ़ें ...
वंशिका और राहुल ने परिवार के खिलाफ जा कर कोर्ट मैरिज की थी, जिसकी वजह से परिवार ने उनका त्याग कर दिया था लेकिन वे दोनों एकदूसरे से बहुत प्यार करते थे और उनकी ज़िंदगी बहुत अच्छी चल रही थी, दोनों अपने परिवार को भूल चुके थे, वे दोनों एकदूसरे के लिये सबकुछ थे, जैसे दो जिस्म एक जान हो, दोनों एकदूसरे में खोये रहते थे। राहुल प्राइवेट जॉब करने लगा और वंशिका घर पर ही रहती थी, राहुल ऑफिस से लौटते वक्त उसके लिये चॉकलेट लेकर आता और वंशिका भी उसके लिये नये-नये पकवान बनाकर तैयार रखती और राहुल को अपने हाथों से खिलाती। समय बीतता गया और उनकी शादी को आठ महीने हो चुके थे, सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन जीवन में कष्ट कभी बताकर नहीं आते, शायद राहुल का प्यार कम होने लगा था, वह अपने काम में व्यस्त रहने लगा और वंशिका के लिये चॉकलेट लाना भूलने लगा। राहुल देर रात तक घर नहीं आता और लगभग तो बाहर ही रहने लगा, वह बहाने बनाने लगा और वंशिका से झूठ बोलने लगा और उससे कहता कि ऑफिस के काम की वजह से घर नहीं आ पाऊंगा, तुम मेरा इंतजार मत करना। लेकिन वंशिका उससे बहुत प्यार करती थी और उसे खाना खिलाने के बाद ही खुद खाती थी, जिस दिन राहुल घर नहीं आता उस दिन वह भूखी ही सो जाती, राहुल भी जानता था कि वंशिका उसके बिना खाना नहीं खायेगी लेकिन उसको कोई फर्क नहीं पड़ता था। काम की वजह से सहकर्मियों से बात करनी ही पड़ती है, चाहे वह लड़का हो या लड़की, वंशिका यह समझती थी और वह दोस्ती की भी कद्र करती थी इसलिये उसने कभी राहुल पर शक नहीं किया। लेकिन राहुल को परवाह नहीं थी, उसके मन में कुछ अलग ही खिचड़ी पक रही थी, ऑफिस की लड़की से राहुल का रिश्ता गहरा होता जा रहा था। वह वंशिका के साथ रह-रहकर ऊब चुका था और उससे तंग आ चुका था, इसलिये वह दूसरी लड़की के साथ चक्कर चलाने लगा और वह वंशिका का भरोसा तोड़ने लगा और काम के बहाने संध्या (ऑफिस की लड़की) के साथ रहने लगा। किसी का भरोसा तोड़कर भरोसेमंद इंसान पाना उस सपने जैसा है जो आंख खुलते ही टूट जाता है, वंशिका ने अपने परिवार का भरोसा तोड़ा था और अपने परिवार को दुख दे कर ही राहुल के साथ शादी की थी, शायद इसलिये ही वंशिका को राहुल से धोखा मिल रहा है क्योंकि कर्म वापस आते हैं और उसके साथ भी वही करते हैं जो उसने अपने परिवार के साथ किया। राहुल को घर आने में देर हो गई, रात के लगभग ग्यारह बज रहे थे और वंशिका उसका इंतजार कर रही थी, वैसे तो इंतजार करना वंशिका के लिये नई बात नहीं थी लेकिन आज का दिन उसके लिये खास था क्योंकि आज उसका जन्मदिन था और वह अपना जन्मदिन राहुल के साथ मनाना चाहती थी। तभी अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई, शायद राहुल आया होगा ... यह सोचकर वंशिका ने दरवाजा खोला, राहुल को देखकर वह दंग रह गई क्योंकि राहुल शराब पीकर आया था। वंशिका ने हैरानी से उसकी तरफ देखा और पूछा – आप तो शराब पीते ही नहीं हो, फिर आज कैसे? अरे वो दोस्त का जन्मदिन था तो थोड़ी पी ली ... राहुल नशे में बड़बड़ाता हुआ बेडरूम में चला गया और जूते पहने हुए ही सो गया। वंशिका भी उसके पीछे बेडरूम में गई और उसके जूते उतार कर उसे ठीक से लिटा दिया, उसे खाना खाने के लिये कहा पर राहुल ने कोई जवाब नहीं दिया। वंशिका के चेहरे पर उदासी थी क्योंकि राहुल को तो यह भी याद नहीं था कि आज वंशिका का जन्मदिन है, उसका जन्मदिन मनाना और उपहार देना तो दूर की बात थी। वंशिका खाना खाये बिना ही हॉल में जा कर सोफे पर बैठ गई और पुराने दिनों को याद करने लग गई, वह सोचने लगी कि राहुल कितना बदल गया है और वह पहले जैसा नहीं रहा, पहले वह कितना ख्याल रखता था,...