जीवन और मृत्यु।
कहते हैं ये जीवन जो हमें मिलता है ना।इसे पाना कोई आसान काम तो बिल्कुल नहीं है। संसार का हर प्राणी चाहे कितना भी दुःखी क्यों ना हो और उनमें से अधिकतर तो अपने जीवन से परेशान होकर भगवान जी से कहते हैं कि हे प्रभु या परम पिता परमेश्वर अब जीना मुश्किल लगता है तो आप उठाते क्यों नहीं।
इसी पर एक लघुकथा पेश-ए-खिदमत कर रहा हूँ।
एक अस्सी साल की बुढ़िया थी और वो बहुत ही ज्यादा दुःखी होकर...
इसी पर एक लघुकथा पेश-ए-खिदमत कर रहा हूँ।
एक अस्सी साल की बुढ़िया थी और वो बहुत ही ज्यादा दुःखी होकर...