वचन
कहते हैं जलीय जंतुओं में कछुआ, जानवरों में लोमड़ी और पक्षियों में कौआ बहुत चतुर व चालाक होता है। एक बार सर्दियों की ऋतु में एक नामी तीरंदाज, प्रातः काल में अपने घर के आंगन में बैठा, धूप का मजा लेते हुए चाय की चुस्की ले रहा था। इतने में वहां उसके आंगन में आकर अपनी स्वाभाविक वाणी में कौआ कांव कांव करने लगा। उस आदमी ने कौए से कहा कि सुबह सुबह कांव कांव करना बंद कर और यहां से चला जा। परंतु कौआ उल्टा जोर जोर से कांव कांव करते...