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कुकुर नाही नाही शेरू

भरा पूरा घर है। शांति देवी का और उनके परिवार में उनके दो बेटे और उनकी एक बड़ी बहु है। जैसा कि सदियों से परंपरा चली आ रही है सास तो सास बहू भी वाह रे वाह 👏👏

जी हां; सही समझे! सास सौ सेर बराबर तो बहु सवा सौ सेर से कम नही 🙌🙏

ताने उलाहने हो या लड़ाई झगडे या फिर अपने मायके वालों को बड़ाई हांकना शांति देवी की बहु उनसे कोई मामले में कम नही 😜😝

एक बार की बात है बहु अपने मायके से पूरे सवा महीने के बाद लौटती है। जैसे ही अपनी हील्स वाली सैंडल खोल के घर में पहले कदम रखती है 👠👠
वैसे ही सास माता किसी फटे बांस की तरह पीपा बजाना शुरू कर देती हैं 🎵 🎺
वही पुराना डायलॉग, " का ले के आई मम्मी के घर से"। 😜😝
उनकी भोजपुरी जुबान पे ये मम्मी शब्द एकदम व्यंग्य की तरह बहु रानी को चुभती है।😠😠
बहु रानी पैर पटकते हुए अपने कमरे...