...

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रोमांस
अपनी बहकती हुई जुल्फो को
हल्के छू कर उंगलियों से
कानों तक समेटने की इजाजत दोगी,
जब होठ और निगाहे पास पास हो तो
छु कर होठों को
खामोशी से कुछ कहने की इजाजत दोगी..!
आहिस्ते से हाथ टटोलती हुई दीवारें
हल्के से पीछे जा कर वो खिड़की के पास वाली दीवार से चिपक जाना,
अपने पैर को आहिस्ते से मेरे पैरो पर रखते हुए हुए
होठ तक पहुंचने की कोशिश में बहक जाना..!
तुम्हे बारिश की बूंदों की तरह
बेवजह और बेहिसाब तुम्हे छूते रहना.
तुम्हारी बिखरी जुल्फो की खुशबू और
नशीली आंखों में डूब कर मनमस्त हो जाना
तुम्हारी ये बंद पलके और
तुम्हारी कान में आहिस्ते से
होठों से छू कर कुछ कहना..!
जैसे एक पल के लिए
तुमको बाहों में जकड़ते हुए
समय को रोक देना चाहता हुं
एक एहसास जो मेरे भीतर है
वो तुम्हे देना चाहता हूं..!
कभी ये होठों की आवारगी
तो कभी उंगलियों से करती हुई गुदगुदाहट
खुद को मुझे जैसे सौप देने की आहट..!
होठ और निगाहे पास पास
सांसों की टकराहट...!