एहसास इश्क़ का...
मेरे बाल जो मेरे गालों को छू रहें थे, हवा के झौकों के साथ मानों अठखेलियां कर रहें थे, वो पास आया और अपनी उंगलियों से मेरे बालों को मेरे कान के पीछे सवांर दिया! उसकी हाथेलियों ने मेरे गालों को छुआ और मैने आंखे बंद कर ली,एक सूकून भरी अनुभूति...मैं महसूस ही कर रही थी.. मैं कुछ कहती उसके पहले ही उसके अधरों ने मेरे माथे को छू लिया! उसकी हाथेली अभी भी मेरे गालों को स्पर्श कर रही थी,...