….चाँद अधूरा है
..चाँद अधूरा है
अभी उसने अपने लजरजते हुए होंठों को उसकी सर्द नाभि के उपर रखा ही था कि उसका रोम रोम जलने लगा।
उसकी उँगलियों के पोरों की छुअन से उसकी देह का इक इक रोम सिहर कर...
अभी उसने अपने लजरजते हुए होंठों को उसकी सर्द नाभि के उपर रखा ही था कि उसका रोम रोम जलने लगा।
उसकी उँगलियों के पोरों की छुअन से उसकी देह का इक इक रोम सिहर कर...