...

9 views

उम्मीद part 1
मेरा कंपनी में आज पहला दिन था |मैं थोड़ा नर्वस था |मैं कंपनी मैं गया वहां जाके सीधा दिए गए कैबिन में बैठ गया| मैं थोड़ा जल्दी ही पहुंच गया था |धीरे धीरे लोग आने शुरू हुए आज मेरे जैसे बहुत लोगों का पहला दिन था |तो जो पहले से काम कर रहे थे यहां वो लोग बात कर रहे थे कि, वो मैडम बहुत सिरियस है ओर अपने काम को लेके बहुत सिरियस रहती है ओर नेचर से अच्छी है |मैंने सोचा वो मैडम कोन है बातों से लोगों की ये तो पता चल गया था कि वो हम से सीनियर है बस नाम नहीं पता पड़ा| फिर धीरे धीरे लोग आए ओर सब आपना काम करने लग गए |मुझे भी पीऑन आके मेरी फ़ाइल दे गया जो मुझे पूरी करनी थी| मैं उसे करने में व्यस्त हो गया थोड़ी देर बाद मेरी नज़र ऊपर उठी तो मैंने देखा कि कोई राउंड पर है मुझे पता लगा कि ये वही मैडम है| वो चेक कर रही थी के सारा काम सही से तो हो रहा है ना ओर जो लोग नए आए हैं |वो काम समझ तो पाए हैं ना फिर हम सब को बरी बारी से उन्होने कैबिन में बुलाया मुझे भी बुलाया मुझसे नाम पूछा मैंने नाम बता दिया कि मेरा नाम मनीष है फिर उन्होने बोला काम समझ आरहा है? मैंने बोला हाँ फिर मैं वापस आपने कैबिन में आके बैठ गया फिर मेरे कैबिन में पीऑन आया मैंने उसे पूछा ये मैडम कोन है? ओर नाम क्या है उसने बताया कि यह मीरा मैडम है यहाँ मैनेजर है मैंने बोला ठीक है फिर काम खतम हुआ मैं घर आगया |अगले दिन फिर मैं काम पर गया धीरे धीरे हम लोग सब बात करने लग गए |एक दूसरे से घुल मिल गए मैडम का भी व्यवहार बहुत अच्छा था |धीरे धीरे मैडम को मेरा काम अच्छा लगने लगा मेरा प्रमोशन हो गया |अब काम ओर बढ़ गया था मेरा |कभी कभी लेट भी हो जाया करता था ऐसे ही समय बीत ता गया |वो ऐसे ही राउंड पर आती मैं उन्हे देखता फिर नज़रें नीची कर लेता जैसे वो देखती कहीं ना कहीं शायद वो भी मुझे पसंद करने लग गयी थी पर कुछ के‍हती नहीं थी |ऐसे ही हम एक दूसरे को देखा करते थे |फिर एक दिन पता चला मुझे की उनका जन्म दिन है तो मैंने सोचा चलो कुछ गिफ्ट देते हैं वहां से एक तोफा खरीदा मैंने उन्हे दिया ओर विश किया |मैं अब यही सोच रहा था कि अखिर कैसे उसे कहूँ कि मैं उन्हे पसंद करता हूँ |फिर उस दिन मैंने हिम्मत कर के बोल ही दिया |ओर उनका जवाब सुन के मैं दंग रह गया क्यूँ की उनका जवाब भी हाँ था |