...

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पछतावा
मैं अक्सर तुम्हारे घर आया करता था, आनंद से मिलने। आनंद मेरा ख़ास दोस्त, जिसके साथ जिंदगी के कितने ही हसीन लम्हें जिएँ हैं मैंने।हमारी दोस्ती कितनी गहरी थी???
मगर

आज वो मेरी सूरत भी नही देखना चाहता।हमारी दोस्ती में एक दरार आ गई।और इसकी वजह बनी हो तुम या फिर ये मेरा पागल दिल जो सिर्फ तुम पर ही आया।

मुझे याद है जब मैं पहली बार तुमसे मिला था।तुम्हें देखकर ना जाने क्यों लगा जैसे मैं तुम्हें जानता हूँ।जैसे मेरे दिल ने तुम्हें पहचान लिया हो कि तुम ही उसकी धड़कन हो।और पहली ही मुलाकात में मुझे तुमसे प्यार...