कागज
कागज , मेरा दिल उस कोरे कागज की तरह है ,जिसमें आप जो कुछ भी अंकित करना चाहो कर सकते है । यह एक सूचना हो सकती है ,किसी का प्रमाण किसी बिषय से सम्बन्धित जानकारी कुछ कुछ भी हो सकता है आपने सोचा मेने ऐसा क्यु कहा ,, कि मै एक कोरा कागज हू ,,
यही तो मेरा परिचय है मै एक कागज हू और कागज भी कैसा कोरा, खाली जिसके पटल पर अभी तक कुछ भी अंकित नही है,
मै उस पेङ से बनाया गया हू जिसने इस छणभंगुर जीवन कि कठिनाइयो को ,संघर्षमय जीवन को बहुत नजदीक से देखा और जीया है तब कही मै स्वमं को समझ पाया...
यही तो मेरा परिचय है मै एक कागज हू और कागज भी कैसा कोरा, खाली जिसके पटल पर अभी तक कुछ भी अंकित नही है,
मै उस पेङ से बनाया गया हू जिसने इस छणभंगुर जीवन कि कठिनाइयो को ,संघर्षमय जीवन को बहुत नजदीक से देखा और जीया है तब कही मै स्वमं को समझ पाया...