...

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त्रिकोण
प्रेम का क्या दूसरा नाम समर्पण होना चाहिए
जिससे प्रेम करें
वो किसी और से प्रेम करें
फिर भी
हम उसी से प्रेम करें
एकतरफा प्रेम.....

वैसे एकतरफा प्रेम
की अपनी कोई प्रेम पाने की मंशा नहीं होती
वो फिर भी समर्पित प्रेम होता है

ऐसी ही एक कहानी
या यू कहे अनुभव.....

विनीता बेहद समझदार, सुलझी, घर की बड़ी, लाडली बेटी

अंजलि, अल्हड़, नासमझ, लुभावना व्यक्तित्व लिए, खूबसूरत, हर किसी को भी एक नज़र मे भा जाने वाली

दोनों की ही किस्मत किसी एक से जुड़ी...

ना जाने किसकी किस्मत मे लिखा "वो"...
किसी का "बचपन का प्यार"
तो" किसी का फ्यूचर "

जिसके लिए इन दोनों बहनो मे लड़ाई थी....
वो ही इनमे से, एक बहन को ख़त लिख लिख के, छोटी बहन से प्रणय निवेदन करता...
तो क्या बड़ी बहन ने रास्ते से हट जाना चाहिए,

"उससे "फिर भी प्रेम करते...