मैं और मेरा तकिया
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शीर्षक -
मैं और मेरा तकिया
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समय- सुबह २ बजे
तारीख- शुक्रवार, 19 नवंबर 2021..........
ढलते नवंबर के दिन है इसलिए रात को ठंड कुछ ज्यादा ही पड़ रही है, वैसे तो पूरा कमरा बंद है लेकिन खिड़की से ठंडी-ठंडी हवा, अभी भी कमरे में आ रही है, रात्रि के 2 बजे है, चारों-ओर गहरा सन्नाटा है लेकिन मेरे मन में उमड़ने वाले ख्यालों ने काफी शोर मचा रखा है, पूरी दुनिया सो रही है लेकिन मेरे साथ कमरे की ट्यूबलाइट, मेरा तकिया और रजाई अभी तक जाग रहे है, इस बात से बेखबर की कोई तुम्हे रात को 2 बजे याद कर रहा है, चित्रांशी! तुम भी आराम से सो रही हो, मेरा सबसे अच्छा साथी, मेरा तकिया है। जब भी मैं पढ़ रहा होता हूं या कोई भी काम कर रहा होता हूं तो ये मेरे पास होता है, और आज भी मेरे पास ही है, मैं अभी बेड पर इसी का सहारा लिए बैठा हूं। कमरे की ट्यूबलाइट मुझे दूर से टकटकी लगाए देख रही है, तकिया और रजाई मेरे साथ अभी...
शीर्षक -
मैं और मेरा तकिया
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समय- सुबह २ बजे
तारीख- शुक्रवार, 19 नवंबर 2021..........
ढलते नवंबर के दिन है इसलिए रात को ठंड कुछ ज्यादा ही पड़ रही है, वैसे तो पूरा कमरा बंद है लेकिन खिड़की से ठंडी-ठंडी हवा, अभी भी कमरे में आ रही है, रात्रि के 2 बजे है, चारों-ओर गहरा सन्नाटा है लेकिन मेरे मन में उमड़ने वाले ख्यालों ने काफी शोर मचा रखा है, पूरी दुनिया सो रही है लेकिन मेरे साथ कमरे की ट्यूबलाइट, मेरा तकिया और रजाई अभी तक जाग रहे है, इस बात से बेखबर की कोई तुम्हे रात को 2 बजे याद कर रहा है, चित्रांशी! तुम भी आराम से सो रही हो, मेरा सबसे अच्छा साथी, मेरा तकिया है। जब भी मैं पढ़ रहा होता हूं या कोई भी काम कर रहा होता हूं तो ये मेरे पास होता है, और आज भी मेरे पास ही है, मैं अभी बेड पर इसी का सहारा लिए बैठा हूं। कमरे की ट्यूबलाइट मुझे दूर से टकटकी लगाए देख रही है, तकिया और रजाई मेरे साथ अभी...