दृढ़ संकल्प
फीनिक्स जिसे हिंदी मे ककनूस कहा जाता है। ये मिथकीय कथा इतनी प्रचलित है कि अमरता, जिजीविषा, जीवट और जज्बे के लिए बार बार इसका उल्लेख किया जाता है, इसकी मिसाल दी जाती है। फीनिक्स एक रंगीन पक्षी है और इसका मिथक यूनानी परंपरा से आया है। यहां इसे फोनीकोपेरस (जिसका अर्थ है लाल पंख) नाम दिया गया। कालांतर में इस अद्वितीय पौराणिक प्राणी को अमरता और पुनरुत्थान का एक जीवित प्रतीक मान लिया गया।
फीनिक्स एक बेहद रंगीन पक्षी है जिसकी दुम सुनहरी या बैंगनी होती है (कुछ कथाओं के अनुसार हरी या नीली भी)। इसका जीवनचक्र 500 से 1000 साल का होता है और सबसे चमत्कारिक है इसका अंत। ये है कहानी एक ऐसे पक्षी की जो न तो अंडे देता है और न ही उसके बच्चे होते है। लेकिन ये पक्षी अमर है…अमर इसलिए नहीं कि वो कभी नहीं मरता बल्कि वो तो अपनी मृत्यु का इंतजाम खुद करता है फिर भी कभी खत्म नहीं होता।
एक दिन जब दुनिया बहुत छोटी थी, प्रकृति में सब एक दूसरे से बात करते थे उस दिन सूरज ने झांककर धरती की तरफ देखा तो उसे एक शानदार पक्षी दिखा। ये बेहद रंगबिरंगा, सौंदर्यशाली और आकर्षक था। उसके रंग झिलमिला रहे थे और पंखों से जैसे रोशनी फूट रही थी।
लाल सुनहरे रंग के पक्षी की सुंदरता से सूरज भी चकाचौंध हो गया। इसके बाद उसने पुकारकर कहा “सुनो गौरवशाली फीनिक्स..क्या तुम मेरे पक्षी बनोगे और हमेशा हमेशा के लिए जीवित रहोगे।” सूरज की इस पुकार से फीनिक्स अचंभित हुआ और खुश भी। वो देर कर आकाश और बादलों के बीच नृत्य करता रहा और फिर सूरज को जवाब दिया
“गौरवशाली सूरज, आज के दिन से मेरे सारे गीत आपके लिए होंगे।” और इस तरह...
फीनिक्स एक बेहद रंगीन पक्षी है जिसकी दुम सुनहरी या बैंगनी होती है (कुछ कथाओं के अनुसार हरी या नीली भी)। इसका जीवनचक्र 500 से 1000 साल का होता है और सबसे चमत्कारिक है इसका अंत। ये है कहानी एक ऐसे पक्षी की जो न तो अंडे देता है और न ही उसके बच्चे होते है। लेकिन ये पक्षी अमर है…अमर इसलिए नहीं कि वो कभी नहीं मरता बल्कि वो तो अपनी मृत्यु का इंतजाम खुद करता है फिर भी कभी खत्म नहीं होता।
एक दिन जब दुनिया बहुत छोटी थी, प्रकृति में सब एक दूसरे से बात करते थे उस दिन सूरज ने झांककर धरती की तरफ देखा तो उसे एक शानदार पक्षी दिखा। ये बेहद रंगबिरंगा, सौंदर्यशाली और आकर्षक था। उसके रंग झिलमिला रहे थे और पंखों से जैसे रोशनी फूट रही थी।
लाल सुनहरे रंग के पक्षी की सुंदरता से सूरज भी चकाचौंध हो गया। इसके बाद उसने पुकारकर कहा “सुनो गौरवशाली फीनिक्स..क्या तुम मेरे पक्षी बनोगे और हमेशा हमेशा के लिए जीवित रहोगे।” सूरज की इस पुकार से फीनिक्स अचंभित हुआ और खुश भी। वो देर कर आकाश और बादलों के बीच नृत्य करता रहा और फिर सूरज को जवाब दिया
“गौरवशाली सूरज, आज के दिन से मेरे सारे गीत आपके लिए होंगे।” और इस तरह...