हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे.
हो सकता है मैं कभी प्रेम ना जता पाऊं तुमसे..
लेकिन कभी
लाल साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र तो
समझ जाना तुम...
जब तुम रसोई में अकेली हो
और उसी वक़्त मैं वहां पानी पीने आऊँ तो
मेरी प्यास को समझ जाना तुम...
ऑफिस से लौटते हुए कुछ ग़ज़रे ले आऊँ
और सबकी नज़रों से बचाकर तुम्हारे सामने रख...
लेकिन कभी
लाल साड़ी में तुम्हे देखकर थम जाए मेरी नज़र तो
समझ जाना तुम...
जब तुम रसोई में अकेली हो
और उसी वक़्त मैं वहां पानी पीने आऊँ तो
मेरी प्यास को समझ जाना तुम...
ऑफिस से लौटते हुए कुछ ग़ज़रे ले आऊँ
और सबकी नज़रों से बचाकर तुम्हारे सामने रख...