काल्पनिक युद्ध
प्रोजेक्टर की लाइट टूटते ही मेरा सब्र जवाब दे गया था... समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मेरे साथ ये क्या हो रहा है?
मन बहुत बेचैन था.. सारी मोटीवेशनल लाइंस आज मानो ब्लॉक सी हो गयी थीं. इतनी कमजोर नहीं हूँ.. कठिन से कठिन परिस्थितियों में ना सिर्फ खुद को सम्भाला बल्कि अपने साथ दूसरों को भी मोटीवेट करती रही हूँ..
आज खुद को नहीं सम्भाल पा रही थी.काफी देर इधर उधर टहलने के बाद अपनी खाला को फोन लगाया,
"सलाम खाला, कैसी है?"
"वालेकुम सलाम मेरी बेटी, कैसी हो, हम ठीक हैं मेरी चाँद..
खाला.... Ssss"
मैं कुछ देर के लिए खामोश हो गयी थी. मुझसे बात नहीं हो रही थी.मैं रोने लगी.
"नूर, क्या हुआ मेरी बच्ची.. क्यूँ परेशान हो?" खाला परेशान हो गयी थी.
"अरे नहीं खाला मैं ठीक हूँ. बस मैं कुछ...
मन बहुत बेचैन था.. सारी मोटीवेशनल लाइंस आज मानो ब्लॉक सी हो गयी थीं. इतनी कमजोर नहीं हूँ.. कठिन से कठिन परिस्थितियों में ना सिर्फ खुद को सम्भाला बल्कि अपने साथ दूसरों को भी मोटीवेट करती रही हूँ..
आज खुद को नहीं सम्भाल पा रही थी.काफी देर इधर उधर टहलने के बाद अपनी खाला को फोन लगाया,
"सलाम खाला, कैसी है?"
"वालेकुम सलाम मेरी बेटी, कैसी हो, हम ठीक हैं मेरी चाँद..
खाला.... Ssss"
मैं कुछ देर के लिए खामोश हो गयी थी. मुझसे बात नहीं हो रही थी.मैं रोने लगी.
"नूर, क्या हुआ मेरी बच्ची.. क्यूँ परेशान हो?" खाला परेशान हो गयी थी.
"अरे नहीं खाला मैं ठीक हूँ. बस मैं कुछ...