तेरे रंगो में रंग गई
होली का त्यौहार रंगों के साथ जुड़ा हुआ है।
सोरठ की धरा में पले मिलन ओर सोनल
का उतसाह का ठिकाना नहीं है। यू तो दोनों
बचपन के दोस्त हैं लेकिन उमँ के साथ बड़ी
हुई सोनल की गोरी कलाईयो पर सब फिदा
हो जाते है ।
(रंगो से भरी बालटी लेकर सोनल दोडे जा रही हैं अनायास मिलन से टकराव हो गया )
सोनल :क्षमा करना.....
मिलन :रंगो के त्योहार में क्षमा की जरूरत
नहीं।
सोनल :पर आप जरा ज्यादा भीग गए।
मिलन:बाहय रंगो से ही?
सोनल :दोनों। एक होली का रंगीन रंग ओर
दुसरा जो आप कह रहे हैं वो.....
थोड़ा हँसकर.......
मिलन :ये होली के रंग तो दो-चार दिन में
दूर हो जाए गे लेकिन आपका प्यार
का रंग कायम रहेगा।
सोनल :सच ए रंगो को कभी- भी मत
भूलना?
मे तेरे रंगो में रंग गई.......
डाँ. माला चुडासमा "संकेत "
गीर सोमनाथ
सोरठ की धरा में पले मिलन ओर सोनल
का उतसाह का ठिकाना नहीं है। यू तो दोनों
बचपन के दोस्त हैं लेकिन उमँ के साथ बड़ी
हुई सोनल की गोरी कलाईयो पर सब फिदा
हो जाते है ।
(रंगो से भरी बालटी लेकर सोनल दोडे जा रही हैं अनायास मिलन से टकराव हो गया )
सोनल :क्षमा करना.....
मिलन :रंगो के त्योहार में क्षमा की जरूरत
नहीं।
सोनल :पर आप जरा ज्यादा भीग गए।
मिलन:बाहय रंगो से ही?
सोनल :दोनों। एक होली का रंगीन रंग ओर
दुसरा जो आप कह रहे हैं वो.....
थोड़ा हँसकर.......
मिलन :ये होली के रंग तो दो-चार दिन में
दूर हो जाए गे लेकिन आपका प्यार
का रंग कायम रहेगा।
सोनल :सच ए रंगो को कभी- भी मत
भूलना?
मे तेरे रंगो में रंग गई.......
डाँ. माला चुडासमा "संकेत "
गीर सोमनाथ