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दो दिलों का प्यार ( भाग - 3 )
प्रेम को कामों में व्यस्त पाते देख, जैसे ही वो जाने के लिए मुड़ती है, तभी प्रेम अंजलि को कहता है, रुको.... कहा जा रही हो ? कुछ काम था क्या? फिर अंजलि कहती है, जी सर, मुझे आपको सॉरी बोलना था। मैंने जाने-बगैर आपके सामने बैठ कर पता नही क्या-क्या कहा, इसके लिए में सॉरी बोलना चाहती हूँ। प्रेम अंजलि की बातें सुन मुस्कुरा रहे थे, उनको मुस्कुराता देख अंजलि को कुछ समझ मे नही आया। फिर प्रेम कहते है, सच बताऊ तो मुझे तुम्हारी बातो का ज़रा-सा भी बुरा नही लगा, इसलिये तुम्हे सॉरी बोलने की कोई जरूरत नही है। अंजलि मन ही मन मुस्कुराती है फिर वो आफिस से बाहर निकल जाती है। अंजलि के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी, वो बिना देरी किए हेमा के पास जाकर उसे जोर से गले लगाती है, और वो सारी बात उसके सामने कह देती है। हेमा अंजलि को इतना खुश देख कर वो उसे चिढ़ाने की कोशिश करती है, अच्छा ठीके-ठीके ज़्यादा मत सोच उनके बारे में..... हेमा हँस के कहती है। नहीं जी, ऐसा बिल्कुल नही है में नही सोच रही उनके बारे मे, ज़्यादा मत बोल ..... अंजलि कहती है।
रात के समय प्रेम आराम से बिस्तर पर लेटे अंजलि के बारे में मन ही मन सोचा जा रहा था, तो वही दूसरी और अंजलि भी प्रेम के बारे में सोची जा रही थी। अगले दिन फिर उनकी मुलाकात हुई, पर कुछ अलग अंदाजे से.... प्रिंसिपल के आफिस में प्रेम और उनके स्टाफ बैठे थे, वो लोग बात कर रहे थे एक असिस्टेंट के लिए, जोकि उनको जरूरत है, क्यूँकि लंदन से आने के बाद उनका प्रोजेक्ट का काम इतना बढ़ गया है, की उन्हें एक अस्सिस्टेंट की जरूरत है, जो इंटेलिजेंस हो, उनकी कामों में मदद कर सके और उनकी कंपनी के काम आ सके। प्रेम को एक ऐसी ही अस्सिस्टेंट की जरूरत थी। बिजनेस कोर्स के कमरे में बैठे कॉलेज के छात्र-छात्रायें, तभी टीचर आके उनको बताती है, आप मे से कोई एक कंपनी के बॉस के लिए अस्सिस्टेंट नियुक्त किया जाएगा..... जो इच्छुक है वो नाम बता दे। बिना देरी किये वहाँ बैठे सभी लोगो ने अंजलि का नाम ले लिया क्यूंकि वो अपनी क्लास में हमेशा सभी कामो में आगे रहा करती थी, अंजलि जोकि बिल्कुल तैयार नही थी अस्सिस्टेंट के लिए। पर सबके कहने के बावजूद वो राज़ी हो जाती है। टीचर कहती है तुम कॉलेज आने के बजाय तुम बॉस के साथ रहो उनकी कामो में मदद करवायो, अगर उन्हें तुम्हारा काम पसंद आया तो ये हमारे कॉलेज के लिए बहुत अच्छी बात होगी। अंजलि को पता नही था कि अब ये बॉस कौन है, वो तीसरी मंजिल पर जाती है, और दरवाज़ा खटखटाती है तभी आफिस में बैठे प्रेम आवाज़ देता है, Come in
अंजलि जैसे ही प्रेम को देखती है वो socked हो जाती है, जाहिर है प्रेम भी अंजलि को देख हैरान हो जाता है। प्रेम कहता है तुम्हे अस्सिस्टेंट के लिए चुना गया है ? अंजलि हा में जवाब देती है। तभी बिना देरी किये प्रेम अंजलि को कुछ फ़ाइल पकड़ा देता है और कहता है मुझे ये फ़ाइल कल तक कम्पलीट चाहिये, जो न समझ में आए, अरुण सर से पूछ लेना.....

To Be Continued.........