संघर्ष खुद से खुद की बेहतरी के लिए...!
जब कर दोगे तुम अपना सर्वस्व न्यौछावर,जब तुम लड़ोगे खुद से ही ,खुद की बेहतरी के लिए,और दर किनार करते चलोगे उन उलाहनो को जो देखना चाहते हैं तुम्हे बर्बाद होते हुए ,जब तुम बना लोगे अपनी ढाल समाज की उस दकियानूसी सोच को जो बंधी है तुम्हारे पैरों में चक्की के समान ,तब तुम पाओगे खुद को हिमालय के उस शिखर पर
जो तुम्हे बनाएगा अलग सबसे अलग बिल्कुल उस हीरे के समान जिसे पाने की औकात हर किसी की नहीं होती और यकीन मानो उस दिन ये उलहाने बदल जायेंगे तुम्हारे प्रति अगाध प्रेम में !!.......
Trapti Mishr
@Trapti Mishr
@Vijay568 sir
@siratSiddiqui
@kanchan26
© All Rights Reserved
जो तुम्हे बनाएगा अलग सबसे अलग बिल्कुल उस हीरे के समान जिसे पाने की औकात हर किसी की नहीं होती और यकीन मानो उस दिन ये उलहाने बदल जायेंगे तुम्हारे प्रति अगाध प्रेम में !!.......
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