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मेरा अनुभव
मोह और आकर्षण ने स्वीकारा ढेर सारे संवादों से भरे समय को,

प्रेम के समक्ष सदा उपस्थित रही है चुप्पीया,..
एकांत,विरह,प्रतीक्षा....✨️🌱

मेरा अनुभव 🙏🏻,,,,,,

सांसारिक जीवन में मैं एक उद्योजिका और वित्तय अधिकारी हूं । जब भी हम कोई भी प्रोडक्ट बनाते है तो उसमें कई लोगों की मेहनत लगती है । कई बार एक ही काम बार बार करना पड़ता हैं तब जाकर कोई प्रोडक्ट बनता है । जब वह ग्राहक के पास जाता है तो ग्राहक का उत्तरदायित्व होता है कि उसका मूल्य निहित समय में चुकाए ।

कभी कभी कुछ लोगों की यह भी मानसिकता मैने देखी है कि पैसे होते हुए भी वह प्रोडक्ट मिलने के बाद प्रोडक्ट का मूल्य नहीं चुकाते । प्रोडक्ट की गुणवत्ता उत्कृष्ठ होती है उनकी अपेक्षा अनुसार ही प्रोडक्ट बनाया हुआ होता है फिर भी पैसे डुबाने की ही मानसिकता होती हैं उनकी ।

हम सब ने यह समझना चाहिए कि एक प्रोडक्ट बनाना या एक काम करना इसमें मेहनत लगती है कई लोगों की । ऐसे मैं अगर ग्राहक मूल्य नहीं चुकाते तो बिक्री करने वाली व्यक्ति अपना आर्थिक समतोल नही रख पाता ।
किसी के मेहनत का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए करना योग्य नही है ।

अब मैं इसका आध्यात्मिक पहलू बताता हूं ।
अगर हम किसी का एक भी रुपया डुबाते हैं तो उसे चूकता करने हमे फिर से नए जीवन में आना पड़ता है ।

किसी का हाथ तोडोगे तो
हाथ तुडवाना पड़ेगा,
किसी को तकलीफ दोगे तो
उसी आत्मा के द्वारा
तकलीफ लेनी पडेगी
बिना इसके
मुक्ति,
मोक्ष, संभव नही

कुछ रूपये मूल्य के लिए हम नए जन्म-मृत्यु चक्र में आना नहीं चाहेंगे है ना !

अगर हमने किसी के पैसे नही दिए है अथवा हमारी इसी प्रकार की मानसिकता अगर रही है तो यही समय है खुद को हम बदले ।

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