...

140 views

"सच्ची आज़ादी"
अम्मा! अम्मा!.... आंखें खोल, आंखें खोल....., हम बस पहुंच ही गए... कहते हुए चार हट्टे-कट्टे जवान आदमी गोद में बूढ़ी औरत को उठाते हुए अस्पताल के गलियारे में घुसे चले आ रहे थे।

हटो हटो भाईसाहब, जल्दी....। डाॅ साहब.. डाॅ साहब.., मैडम जी डाक्टर साहब कहां हैं??? हमारी अम्मा की हालत बिगड़ती जा रही, जल्दी कुछ कीजिए।

रुकिये रूकिये..., पहले इन्हें स्ट्रैचर पर लिटाईये और फार्म भरिये। डाॅ साहब आ रहे हैं।

हम सब कर देंगे... बस आप उन्हें जल्दी बुला लें।

अरररररे...! आप फार्म तो भरिये, डॉक्टर साहब अस्पताल में ही हैं। अभी राउंड पर गए हैं।

ये क्या हंगामा मचा रखा है.... कहते हुए डॉक्टर साहब पिछे से आए। कैसा शोर है? कौन हो तुम लोग?

साॅरी सर(अपनी सीट से उठकर रिसेप्शनिस्ट खड़ी हो गई) ये लोग अभी आये हैं और आते ही शोर मचाने लगे।
डॉक्टर (रिसेप्शनिस्ट से पूछते हुए):-बात क्या है?
रिसेप्शनिस्ट:- सर पेशेंट की हालत सीरियस है। सर से खून आ रहा है।
वाॅट , तो मुझे बुलाया क्यों नहीं......?
लेकिन सर आप तो राआआ....ओ जस्ट शट अप यू ईडियट(रिसेप्शनिस्ट को बीच में टोकते हुए)...
तुम लोगो की वजह से ही हाॅस्पिटल की इमेज खराब होती है। कहां है पेशेंट?
सर वो, वहां... स्ट्रेचर पर।
डॉ:-जल्दी वार्ड में शिफ्ट करो और डाॅ मेहरा को कहना इमरजेंसी है, कम फास्ट...।

साहब हमारी अम्मा को बचा लीजिए(दोनों हाथों को जोड़े हुए चेहरे पर उदासी और निराशभाव से)। हम तो जीते जी मर जायेंगे।
डाॅक्टर:- रिलैक्स रिलैक्स.. हम पूरी कोशिश करेंगें।
अम्मा! डरना मत..., हम बाहर ही हैं। तू बिल्कुल ठीक हो जायेगी।

डॉ:- आप बाहर ही रुकिए, भीड़ मत लगाइए। पेशेंट को अंदर ले आओ(वार्ड बॉय से कहते हुए)

इमरजेंसी वार्ड के बाहर खड़े चारों आदमी बाहर आते हुए हर वार्ड बॉय और नर्स से अपनी मां की तबीयत पूछते। 40 मिनट के बाद डॉक्टर बाहर आए...

आपकी मां की हालत नाज़ुक है। वो आप सब से मिलना चाहती हैं। कोशिश कीजिएगा उन्हें कोई परेशानी ना हो...(कहते हुए डॉक्टर के पीछे सभी, वार्ड बॉय, नर्से और दूसरे डॉक्टर चले गए)

अम्मा.. अम्मा... आंखें खोल अम्मा, देख हम सब यहीं हैं...।
(हल्के से आंखें खोलकर, दर्द में कराहते हुए) अम्मा बोली... हम्मम लल्ला, मुझे कुछ बताना है..।
बता देना...(उम्र में बड़े दिख रहे आदमी ने कहा), अभी...