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हेलो हेलो कौन........??
हेलो हेलो कौन....??
आधी रात में जब फोन की घंटी बजी तो दिव्या ने फोन उठाना उचित नहीं समझा और वो फिर से सोने की कोशिश करने लगी। मग़र बहुत देर तक तो उसे यह सोच कर नींद ही नहीं आई कि आखिर इतनी रात में फोन किसने किया होगा और क्यों.....?? पूरी रात उसकी इसी उधेड़बुन में निकल गई।सुबह जब उसने अपने घर वालों , दोस्तों और रिश्तेदारों से पूछा तो किसी ने भी सहमति नहीं प्रदान किया। अर्थात किसी ने भी ये कहा कि उसने ही फोन किया था। दिव्या अंदर ही अंदर बहुत डरने लगी थी। दिन तो जैसे तैसे निकल गया । मग़र शाम होते ही उसकी धड़कनें बढ़ने लगी थी ।पता नहीं वह कौन था जिसने मुझे देर रात फोन किया था ।कहीं वह आज फिर से फोन किया तो मैं क्या करूंगी..?? आज उसने अपना बिस्तर अपनी दादी सास के कमरे में लगा लिया था। क्योंकि अभी घर में केवल वह दोनों ही रहते थे। आज फिर रात के ठीक उसी समय फोन की घंटी बज उठी। दिव्या ने उस घंटी को अनसुना करने की बहुत कोशिश की मग़र फोन लगातार बजे जा रही थी। जब फोन की घंटी बहुत देर तक बजती रही ।तब दादी ने कहा दिव्या
बहु फोन तो उठाओ । देखो कब घंटी बज रही है।शायद किसी को कुछ जरूरी काम होगा। तभी तो इतनी रात
गये बार बार फोन कर रहा है। जी दादी कहकर दिव्या ने जैसे ही फोन उठाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया तब तक फोन कट चुका था। अब तो यह फोन दिव्या के लिए संशय का विषय बन चुका था । रात में नींद नहीं आने की वजह से दिव्या का सर भारी भारी लग रहा था।
यह बात उसने अपने पति और सास ससुर से भी कहा जो अपने ननिहाल शादी के फंक्शन में गए थे। पर किसी ने उसकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और कहा यह तुम्हारा बहम हो सकता है। क्योंकि घर के टेलीफोन का नंबर हम घर वालों को छोड़कर और किसी के पास नहीं है। तो तुम निश्चिंत हो कर रहो । हम लोग 2 दिन में वापस आ रहे हैं। तीसरी रात और पुनः वही बात ...!! आज दिव्या फोन के पास ही बैठी थी।आज वो सोने के लिए गई ही नहीं..! हिम्मत करके उसने सोचा आज तो फोन उठा कर रहूंगी..! और उससे बात करके पूछूंगी कि आखिर वो कौन है और मुझे इतनी देर रात फोन क्यों करता है..??
दिव्या यहीं सब सोच रही थी कि फोन की घंटी बजने लगी। दिव्या ने कांपते हाथों से लपक कर फोन उठा लिया और जल्दी जल्दी कहने लगी हेलो हेलो कौन.....??
दूसरे तरफ़ से थोड़ी देर तो कुछ भी आवाज नहीं आई। मग़र थोड़ी देर बाद किसी कुत्ते की जम्हाई लेने जैसी आवाजें आने लगी...!! पहले तो दिव्या के समझ में कुछ भी नहीं आया । मग़र फिर उसे ध्यान आया ये तो कुत्ते की जम्हाई लेने की आवाज़ें हैं।
और फिर तो डरी सहमी दिव्या की ऐसी हंसी छूट पड़ी कि रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी....!!
किरण