अतरंगी चुड़ैल (अंतिम भाग)
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कामिनी ने एक बाग की ओर इशारा किया। यह देखकर प्रणव और डर गया। उसे डरा देख कामिनी बोली, “उस बाग के उस तरफ मेरा अपार्टमेंट है। बाग से होकर शॉर्टकट रास्ता मेरे अपार्टमेंट की ओर जाता है।”
यह कहकर कामिनी मुस्कुराते हुए वहां से जाने लगी तो प्रणव ने उसे पीछे से आवाज लगायी, “सुनो, डार्लिंग…! कल कहां मिलोगी।”
यह सुनकर कामिनी ने अपनी पूरी गर्दन 180 डिग्री के एंगल में घुमा दी। अब उसकी बैकलेस पीठ और उसके ऊपर उसका चेहरा, प्रणव के ठीक सामने था। वह मुस्कुराते हुए बोली, “यहीं पर… । कल रात ठीक 12:00 बजे।”
यह खौफनाक दृश्य देख और कामिनी की बात सुन प्रणव डर...
कामिनी ने एक बाग की ओर इशारा किया। यह देखकर प्रणव और डर गया। उसे डरा देख कामिनी बोली, “उस बाग के उस तरफ मेरा अपार्टमेंट है। बाग से होकर शॉर्टकट रास्ता मेरे अपार्टमेंट की ओर जाता है।”
यह कहकर कामिनी मुस्कुराते हुए वहां से जाने लगी तो प्रणव ने उसे पीछे से आवाज लगायी, “सुनो, डार्लिंग…! कल कहां मिलोगी।”
यह सुनकर कामिनी ने अपनी पूरी गर्दन 180 डिग्री के एंगल में घुमा दी। अब उसकी बैकलेस पीठ और उसके ऊपर उसका चेहरा, प्रणव के ठीक सामने था। वह मुस्कुराते हुए बोली, “यहीं पर… । कल रात ठीक 12:00 बजे।”
यह खौफनाक दृश्य देख और कामिनी की बात सुन प्रणव डर...