प्यार तेरा मेरा part-5
निशाल माया का bodyguard हैं। निसाल वैसे तो अपने काम के प्रति काफि strict और dedicated रहता था ,वो बिलकुल किसी Robert कि तरह काम करता था बिना किसी emotion के, वो जादातर लोगो से घुलता मिलता नहीं था और बस लोगो से काम से काम तक ही मतलब रखता था । निसाल एक अनाथ है और जब से उसे दुनियादारी की समझ हुई उसने ये मान लिया था कि ये दुनिया मतलबी है और अगर उसे जीना हैं तो उसे भी एक मतलबी इंशान बन कर रहना होगा पर ,जब से माया उसके ज़िदगी में आई तब से उसकी राई और वो पूरा बदल गया वो माया को सिर्फ protect ही नहीं करता वो उसकी हर एक छोटी बड़ी खुशी और जरूरतों का भी खायल रखता हैं । वो माया का खयाल ऐसे रखता है जैसे कि माया कोई छोटी सी बच्ची हो और वो उसका पिता ।
निसाल और माया का रिश्ता, सुरुवात से ऐसा नहीं था ।
माया विक्रम आहूजा की एक्लोती बहन होने के कारण विक्रम माया से बहुत जादा प्यार और उससे ज्यादा उसकी फिक्र करता रहता हैं जिस कारण से माया जब college जाने लगी तो उसने माया के लिए एक bodyguard higher किया। माया अपनी identity पूरे college में छुपाना चाहती थी इस बात को सुन कर बहुत गुस्सा हुई। तब विक्रम ने बहुत सोचने के बाद निसाल का admission उसी college में करा दिया ,जिससे माया और भड़क गई जिसका भुकतान निसाल को करना पड़ा।
माया के घर में,
अमन और लिली के जाने के बाद माया और सैम जोर- जोर से हँसने लगे, उन्हें देख निसाल उन्हें घूरने लगता हैं । उनकी हँसी को चिरते हुए चिंताजनक पर गुस्से से भरी में एक आवाज़ आती हैं ।
माया ये केसा बचपना हैं । तुम बच्ची नहीं रहे गई हो की मुझे तुम्हें बार-बार समझना पड़े । तुम ऐसे कैसे घर से भाग सकती हो निसाल ने माया घूरते हुए कहा । माया का चेहरा रोने जैसे हो गया ये देख निसाल माया को गले और उसे सांत करते हुए बोला, " माया sorry! मैं तुम्हें डाटना नहीं चाहता था पर डर गया था । मैंने तुमसे कहा था ना अगर तुम्हें कही भी जाना हो तो तुम मुझसे कहो मैं तुम्हें ले जाऊगा पर फिर भी तुमने ऐसा किया ।" माया सिसकते हुए बोली, " तुम्हें तो पता हैं घर में जो भी हुआ उसके बाद से मैं बस कुछ पल अकेले रहना चाहती थी अगर मैं तुमलोगों को कहती तो क्या मुझे तुमलोगों जाने देते? तुमलोग तो मुझे किसी कैदी के तरह उस घर में कैद कर के रखते हो और वो औरत..." माया के बात को बीच में काटते हुए निसाल माया को बोला, "we really sorry हमलोग तो बस तुम्हारा खयाल रखना चाहते थे पर हम ऐसा कर रहे हैं हमने सोचा ही नहीं" निसाल बोलते हुए माया को धयान से देख रहा था जिसे उसे पता लग रहा था की माया इससे पहले भी बहुत देर तक रो रही थी और ठीक से सोई भी नहीं थी । माया के आँख रोने के कारण सूझ गए हैं और आँखों के नीचे dark circles हो चुके थे। माया इन शब्दो को सुनकर सैम को भी बुरा लगता हैं और वो भी माया को sorry बोलता और वो माया को गले लगा लेता है । तीनों ही एक दूसरे को गले लगाये हुए थे । माहौल बहुत उदास हो रहा था तभी सैम बोला, "माया तुम्हें पता है तुम ना रोते हुए एकदम cute (cute शब्द को खीचते हुए) बंदरिया लगती हो । इस बात को सुनकर माया के आँख जो आसुवों से भरा हुआ था वो गुस्से से सैम को घूरने लगी, ये देखकर सैम माया को अपने सारे दात दिखा कर हँसते हुए भागने लगा और माया भी सैम के पीछे-पीछे भागने लगी
माया- सैम रुको मैं तुम्हें छोड़ोगी नहीं
सैम- पहले पकड़ो तो सही
निसाल- अरे तुमलोग दोड़ो नहीं चोट लग जाएगी
फिर निसाल भी उनके पीछे भागने गला । वे लोग तब तक भागे जब तक सब थक नहीं गए और जब वो रुके तब एक दूसरे के हालत को देख कर हँसने लगे तभी माया के पेट से गुड़-गुड़ की आवाज़ आती। निसाल जो हँस रहा था वो अपनी आँखों को गहरी करते हुए सैम को घूरने लगा (निसाल के सुंदर काली आँखे बेहद खतरनाक दिख रही थी मानो की वो अभी किसी का खून कर दे ) जब सैम की नज़र निसाल से मिली तो तो सैम कुछ पल के लिए डर गया और मुस्कराते हुए बोला, " मैं क्या करता महारानी को अपने पहले प्यार के याद में सोने और सोने से फुरसत मिले तब ना ।" ये सुनकर जो आँखे सैम को घूर रही थी अब वो माया को घूरने लगी, माया ये देख कर तेज कदमों से Dining table की ओर चलते हुए सैम को बोली, " सैम क्या कर रहे हो मुझे बहुत भूख लग रही हैं चला खाते हैं "। सैम भी हामी भरते हुए माया के पीछे जाने लगा, हाँ-हाँ चलो मैंने आज तुम्हारा favorite खाना बनाया है सैम बोला । उन्हें ऐसे दुम दबा कर भागते देख निसाल मुस्कुराने लगा और वो भी उनके पीछे जाने लगा ।
निसाल जैसे ये पता नहीं था की family क्या होती हैं वो इन लोग से मिल कर उसे एहसंस होता हैं बस फर्क इतना था की उसे जादातर एक पिता के किरेदार में रहना पड़ता था क्योकि ये दोनों ही हमेसा किसी बच्चे के जैसा behave करते रहते थे।
रात का समय...
खाना खाने के बाद माया को दवाई खाना था पर माया गुस्से में आकर दवाई नहीं खा रही थी और 2nd floor के hall जो बालकनी से attach हैं उसमें इधर से उधर भाग रही थी और दोनों लड़के उसके पीछे उसे समझाते हुए उसका पीछा कर रहे थे।
माया- मैंने कहा ना मुझे दवाई नहीं खानी ।
सैम- माया जिद नहीं करते वो buzy होगा कही (थोड़ा चिड़ते हुए) निसाल तु कुछ बोल ना मैं थक गया हूँ इसे समझा-समझा कर।
निसाल- सैम ठीक ही तो बोल रहा boss को बहुत सारा काम हैं वरना वो यहाँ नहीं आते तुम ही बोलो
माया- और मैं भी थक गई हुँ तुमलोग को समझते-समझते अब मुझे कुछ नहीं सुनना बस अब तुमलोग ज़िद छोड़ दो समझे..
अमन अपने घर के बलकोनि से थोड़ा हैरान और दुखी हो कर सामने हो रही दूसरे घर हलचल को देख रहा था। उसे दिख रहा था की एक लड़का अपने हाथों में दवाई के कुछ packets और दूसरा लड़का अपने हाथ में पानी की bottle लेकर एक गुस्से से भरी लड़की के पीछे भाग रहे हैं जो बीच पर उनसे कुछ बोलती फिर मुह पुलाकर उनके सामने आने पर भागने लगती। अमन का घर की बलकोनी और माया की बलकोनी आमने -सामने होने के कारण बलकोनी के सामने होने वाली गतिविधियों को साफ़-साफ़ देख सकते थे। जिस कारण से अमन ने ये घर किसी दूसरे के ले लेने के बवोजुद उनसे दुग्ने दम दे कर ले लेता है जो की एक पागलपन हैं। ये सोच कर की माया अगर यहाँ रहने आये तो एक झलक तो देख सकु पर जो अमन अभी देख रहा था उसके दिल में एक तेज दर्द हो रहा था । अमन चल रहे आगे की हलचल को देखकर कुछ सोचना नहीं चाहता था इसलिए वो अपने कमरे में चला गया ।
© MMM
निसाल और माया का रिश्ता, सुरुवात से ऐसा नहीं था ।
माया विक्रम आहूजा की एक्लोती बहन होने के कारण विक्रम माया से बहुत जादा प्यार और उससे ज्यादा उसकी फिक्र करता रहता हैं जिस कारण से माया जब college जाने लगी तो उसने माया के लिए एक bodyguard higher किया। माया अपनी identity पूरे college में छुपाना चाहती थी इस बात को सुन कर बहुत गुस्सा हुई। तब विक्रम ने बहुत सोचने के बाद निसाल का admission उसी college में करा दिया ,जिससे माया और भड़क गई जिसका भुकतान निसाल को करना पड़ा।
माया के घर में,
अमन और लिली के जाने के बाद माया और सैम जोर- जोर से हँसने लगे, उन्हें देख निसाल उन्हें घूरने लगता हैं । उनकी हँसी को चिरते हुए चिंताजनक पर गुस्से से भरी में एक आवाज़ आती हैं ।
माया ये केसा बचपना हैं । तुम बच्ची नहीं रहे गई हो की मुझे तुम्हें बार-बार समझना पड़े । तुम ऐसे कैसे घर से भाग सकती हो निसाल ने माया घूरते हुए कहा । माया का चेहरा रोने जैसे हो गया ये देख निसाल माया को गले और उसे सांत करते हुए बोला, " माया sorry! मैं तुम्हें डाटना नहीं चाहता था पर डर गया था । मैंने तुमसे कहा था ना अगर तुम्हें कही भी जाना हो तो तुम मुझसे कहो मैं तुम्हें ले जाऊगा पर फिर भी तुमने ऐसा किया ।" माया सिसकते हुए बोली, " तुम्हें तो पता हैं घर में जो भी हुआ उसके बाद से मैं बस कुछ पल अकेले रहना चाहती थी अगर मैं तुमलोगों को कहती तो क्या मुझे तुमलोगों जाने देते? तुमलोग तो मुझे किसी कैदी के तरह उस घर में कैद कर के रखते हो और वो औरत..." माया के बात को बीच में काटते हुए निसाल माया को बोला, "we really sorry हमलोग तो बस तुम्हारा खयाल रखना चाहते थे पर हम ऐसा कर रहे हैं हमने सोचा ही नहीं" निसाल बोलते हुए माया को धयान से देख रहा था जिसे उसे पता लग रहा था की माया इससे पहले भी बहुत देर तक रो रही थी और ठीक से सोई भी नहीं थी । माया के आँख रोने के कारण सूझ गए हैं और आँखों के नीचे dark circles हो चुके थे। माया इन शब्दो को सुनकर सैम को भी बुरा लगता हैं और वो भी माया को sorry बोलता और वो माया को गले लगा लेता है । तीनों ही एक दूसरे को गले लगाये हुए थे । माहौल बहुत उदास हो रहा था तभी सैम बोला, "माया तुम्हें पता है तुम ना रोते हुए एकदम cute (cute शब्द को खीचते हुए) बंदरिया लगती हो । इस बात को सुनकर माया के आँख जो आसुवों से भरा हुआ था वो गुस्से से सैम को घूरने लगी, ये देखकर सैम माया को अपने सारे दात दिखा कर हँसते हुए भागने लगा और माया भी सैम के पीछे-पीछे भागने लगी
माया- सैम रुको मैं तुम्हें छोड़ोगी नहीं
सैम- पहले पकड़ो तो सही
निसाल- अरे तुमलोग दोड़ो नहीं चोट लग जाएगी
फिर निसाल भी उनके पीछे भागने गला । वे लोग तब तक भागे जब तक सब थक नहीं गए और जब वो रुके तब एक दूसरे के हालत को देख कर हँसने लगे तभी माया के पेट से गुड़-गुड़ की आवाज़ आती। निसाल जो हँस रहा था वो अपनी आँखों को गहरी करते हुए सैम को घूरने लगा (निसाल के सुंदर काली आँखे बेहद खतरनाक दिख रही थी मानो की वो अभी किसी का खून कर दे ) जब सैम की नज़र निसाल से मिली तो तो सैम कुछ पल के लिए डर गया और मुस्कराते हुए बोला, " मैं क्या करता महारानी को अपने पहले प्यार के याद में सोने और सोने से फुरसत मिले तब ना ।" ये सुनकर जो आँखे सैम को घूर रही थी अब वो माया को घूरने लगी, माया ये देख कर तेज कदमों से Dining table की ओर चलते हुए सैम को बोली, " सैम क्या कर रहे हो मुझे बहुत भूख लग रही हैं चला खाते हैं "। सैम भी हामी भरते हुए माया के पीछे जाने लगा, हाँ-हाँ चलो मैंने आज तुम्हारा favorite खाना बनाया है सैम बोला । उन्हें ऐसे दुम दबा कर भागते देख निसाल मुस्कुराने लगा और वो भी उनके पीछे जाने लगा ।
निसाल जैसे ये पता नहीं था की family क्या होती हैं वो इन लोग से मिल कर उसे एहसंस होता हैं बस फर्क इतना था की उसे जादातर एक पिता के किरेदार में रहना पड़ता था क्योकि ये दोनों ही हमेसा किसी बच्चे के जैसा behave करते रहते थे।
रात का समय...
खाना खाने के बाद माया को दवाई खाना था पर माया गुस्से में आकर दवाई नहीं खा रही थी और 2nd floor के hall जो बालकनी से attach हैं उसमें इधर से उधर भाग रही थी और दोनों लड़के उसके पीछे उसे समझाते हुए उसका पीछा कर रहे थे।
माया- मैंने कहा ना मुझे दवाई नहीं खानी ।
सैम- माया जिद नहीं करते वो buzy होगा कही (थोड़ा चिड़ते हुए) निसाल तु कुछ बोल ना मैं थक गया हूँ इसे समझा-समझा कर।
निसाल- सैम ठीक ही तो बोल रहा boss को बहुत सारा काम हैं वरना वो यहाँ नहीं आते तुम ही बोलो
माया- और मैं भी थक गई हुँ तुमलोग को समझते-समझते अब मुझे कुछ नहीं सुनना बस अब तुमलोग ज़िद छोड़ दो समझे..
अमन अपने घर के बलकोनि से थोड़ा हैरान और दुखी हो कर सामने हो रही दूसरे घर हलचल को देख रहा था। उसे दिख रहा था की एक लड़का अपने हाथों में दवाई के कुछ packets और दूसरा लड़का अपने हाथ में पानी की bottle लेकर एक गुस्से से भरी लड़की के पीछे भाग रहे हैं जो बीच पर उनसे कुछ बोलती फिर मुह पुलाकर उनके सामने आने पर भागने लगती। अमन का घर की बलकोनी और माया की बलकोनी आमने -सामने होने के कारण बलकोनी के सामने होने वाली गतिविधियों को साफ़-साफ़ देख सकते थे। जिस कारण से अमन ने ये घर किसी दूसरे के ले लेने के बवोजुद उनसे दुग्ने दम दे कर ले लेता है जो की एक पागलपन हैं। ये सोच कर की माया अगर यहाँ रहने आये तो एक झलक तो देख सकु पर जो अमन अभी देख रहा था उसके दिल में एक तेज दर्द हो रहा था । अमन चल रहे आगे की हलचल को देखकर कुछ सोचना नहीं चाहता था इसलिए वो अपने कमरे में चला गया ।
© MMM