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क्या हम इसे पागल कहेंगे..?
25 दिसंबर की शाम थी।
हर कोई क्रिसमस सेलिब्रेशन के जोश में था। जिधर देखो आनंद का सागर लहरा रहा था। आनंद, उल्लास, उत्साह और जल्दबाजी भी।

अंकल पियर्सन और मैडम पियर्सन वेम्बली से इलफ़र्ड जा रहे थे। क्रिसमस का एक भव्य समारोह आने वाला था। काफी जागरुकता रखने के बावजूद निकलने में देर हो चुकी थी। अब अंकल के पास स्पीड बढ़ाने और समय पर पहुंचने के अलावा कोई चारा नहीं था।

उसने कार की गति बढ़ा दी। आसपास के दृश्य तीव्र गति से गुजरने लगे। एक मोड़ पर कार की गति थोड़ी धीमी हो गई और पियर्सन की नजर एक डॉक्टर की नेम-प्लेट पर पड़ी। स्पीड भी बढ़ा दी। अंकल दृढ़ थे, महसूस किया। वह जानता था कि एक बुद्धिमान व्यक्ति जल्दी में नहीं होता, लेकिन जल्दबाजी के हमेशा परिणाम होते हैं।

अंकल पियर्स एक बच्चे को बचाने के लिए टर्न मारा , आने वाली कार से बचने के लिए उन्हें फिर से टर्न मारना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप कार एक पेड़ से टकरा गई। हादसे में मैडम पियर्सन बुरी तरह घायल हो गईं। पियर्सन ने भी इसे अपने सिर में महसूस किया। बायां हाथ सुन्न हो गया। उसने अन्य राहगीरों की मदद से मैडम को पिछली सीट पर बिठाया। ...