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पवित्र रिश्ता
पवित्र रिश्ता.......

आज के परिवेश में यदि किसी रिश्ते की दुर्दशा है तो वह हैं पति पत्नी का रिश्ता लड़की की शादी के बाद लड़की के माता पिता और उस तरफ जितने भी रिश्ते दार मुहल्ले वाले होते हैं सब का प्रेम लड़की लिए दुगना बड जाता है जब तक वह अविवाहित होती है न तो उसको अच्छा रहने सहन दिया जाता है न अच्छी एजूकेशन लड़की को अपने माता पिता के अनुसार चलना पड़ता है घर की परिस्थितियां के अनुसार समझौता करना पड़ता है लेकिन विवाह के बाद सब उल्टा हो जाता है सब लड़की के पक्ष बाले एक एक दिन की जानकारी हालचाल पूछने लगते हैं सभी उसके शुभचिंतक बन जाते हैं पति सास सुसर ये सब मायके पक्ष वालों जल्लाद नजर आने लगते हैं विवाह के बाद पति से ज्यादा लड़की पर मायके वालों ज्यादा अधिकार हो जाता है पति अगर एक इच्छा पूरी न कर पाया तो वह अपराधी है समाज और कानून रिश्तेदारो की नजर में पत्नी की नजर न तो पति समझदार होता है और न ही वो दुनिया दारी जानता है पति की बेइज्जती करना पति की बुराई करना पति की कमिया निकालना वह अपना पहला धर्म और कर्त्तव्य समझने लगती है इसमें पूरा साथ उसके माता-पिता रिश्तेदार देते हैं मेरे लिखने का मक़सद किसी पर आरोप प्रत्यारोप लगाना नहीं है बस मैं इतना समाझाने की कोशिश कर रहा यदि सब अपनी बच्चीयो को लड़कों से ज्यादा उच्च शिक्षा प्रदान कराये उन पर ध्यान दे यदि लड़की dr बन जाये बैंक मैनेजर बन आई एस आफिसर बन जाये तो उसको भी पति हाईक्वालिटी वाला ही मिलेगा लेकिन यदि आपकी बच्ची कम पढ़ी लिखी है आप आर्थिक रुप से कमजोर है और आप उसको पति लंदन घूमने को ले जायें तो ये उम्मीद ग़लत है क्योंकि उसको जो पति मिलेगा वो आपकी परिवार की परिस्थितियां के अनुरूप ही मिलेगा आपकी बच्ची को और आप सबको जीवन भर सामंजस्य करके चलना चाहिए यदि उसका विवाहित जीवन को खुशहाल बनना है रिश्तों में दलाली ज्यादा दिन तक नहीं चल सकती पति पत्नी का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता है जो ईश्वर बनाता है उसको दोनों परिवार बालों को हृदय से स्वीकार करना चहिए और रिश्ते को सम्मान देना चाहिए

राकेश शर्मा
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