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क्यों डरते हो फरवरी से ? क्यों जलते हो प्रेमियों से ?
प्यार का महीना प्रेमियों के लिए नहीं है।
ये जरूरी नहीं कि प्रेम सिर्फ प्रेमी को ही किया जाए।
इस बात पर कोई यथार्थ नहीं है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से प्यार कर सकते हैं जो बेहद खूबसूरत हो और पूरी तरह से परफेक्ट हो।

प्यार किसी से भी हो सकता है।
तुम प्यार से इतना डरते क्यों हो?
तुम खुले दिल से क्यों नहीं कह सकते कि "मैं तुमसे प्यार करता हूँ?"

क्यूं नही कहते हो की मुझे तुम्हारे सोच से प्यार है।
मुझे तुम्हारे व्यक्तित्व से प्यार है।
मुझे तुम्हारे आंखों से और तुम्हारे देखने की नजरिया से प्यार है।
मुझे तुमसे प्यार है।
तुम जैसे भी हो वैसे रहो।
चाहे मेरे हो चाहे किसके हो।
मुझे तुमसे और तुम्हारे होने से ही प्यार है।

क्यों नहीं कह पाते हो की तुम प्यार करते हो ?
इसमें गलत क्या है ?
प्यार की अर्थ को ही सब गलत मानकर बैठे हैं।
पता नही क्यों यहां सब एक दोस्त को गुलाब देने से भी डरते हैं।
प्यार एक निस्वार्थ भावना है।
किसीसे भी किसी वक्त भी हो सकता है।

प्यार की महीना से जलो मत ,
तुम तुम्हारे घरवालों से भी प्यार कर सकते हो।
यह एक रिमाइंडर है की उनको शो करो की तुम उनको प्यार करते हो।
कोई भी दोस्त , कोई खास दिल के पास इंसान हो।
तुम उसको भी बोल सकते हो।
क्यों डरते हो तुम ?
© dikshya