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राम
आज जिसके मुंह से सुनो राम मन्दिर राम मन्दिर है,क्या कभी किसी ने राम जैसा बनने का कोशिश किया आज जो देश को हालत हैं उसको देख के मुझे नहीं लगता कि राम मन्दिर किसानों से ज्यादा जरूरी है अरे भगवान राम ने अपनी प्रजा के लिए अपनी सबसे प्यारी सीता तक का त्याग कर दिया था तो क्या हमारी सरकार के लिए किसानों का मांग सीता से भी ज्यादा प्यार है कि उनकी मांगे नहीं पूरी कर पा रही हमारी सरकार भगवान का घर बनाने से जरूरी है कि भगवान के द्वारा दिए हुए रास्ते पर चले और किसान हमारे अन्ना दाता है उनका काम ये नहीं है कि वह धरना करे सड़को को पर बैठ के अगर अन्ना दाता सड़क पर आ जाए तो बहुत बड़ी बात है और हमारी सरकार इतनी बेरहमी कैसे हो सकती है कि अगर वह कुछ मांग करे तो उनके साथ ऐसा सलूक करे अगर हमरी सरकार एक बार भी रामायण पढ़ ले तो शायद उसे ये समझ आ जाए कि अपनी प्रजा के लिए कितना त्याग कि जरुरत होती और शायद राम मन्दिर बनाना भी सार्थक हो जाए ।

जय हिन्द