रात
क्या करूं तेरा रात!
अ अंधेरे ना दे पाई तुझको कभी मात!
सहम जाती हूँ जब हो जाती रात! संभल जाऊँगी अगर तुम दो मेरा साथ!
पकड़ चलु अ अंधेरे तेरे सुकून का हाथ
_वर्षा राजपूत
अ अंधेरे ना दे पाई तुझको कभी मात!
सहम जाती हूँ जब हो जाती रात! संभल जाऊँगी अगर तुम दो मेरा साथ!
पकड़ चलु अ अंधेरे तेरे सुकून का हाथ
_वर्षा राजपूत