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promise day#११ फ़रवरी
तो आज है ....वो दिन जो शायद सब मनाते है ....मगर निभाते सब नहीं...
सही कहा ना....
वादें..... जिन्हे करना उतना आसान नहीं होता है जितना की उन्हें निभाना...
ओर लोग ये भूल जाते है कि हम उन वादों के साथ किसी का दिल, किसी की उम्मीदें, किसी का भरोसा और किसी का साथ छोड़ देते है....
अरे...तो ऐसे वादें ही क्यूं करना जो निभा ना पाए....
वादें वो करो जो तुम करना चाहते हो...
वो कहो को तुम कहना चाहते हो...
अगर नहीं निभाना साथ तो कह दो ना की "शायद सफर नहीं चल पाएगा" इससे कम से कम अगला तुमसे उम्मीद तो ना लगाएगा...
कह दो जब तक साथ है...
मै तुम्हारा ही रहूंगा..."क्या पता बाद मैन तुम मिलो या नहीं...अभी तो तुम हो ना..
जब तक हो तब तक तुम्हे हसाऊंगा...क्या पता कल मेरे जैसा हसाने वाला ना मिले..."
ताउम्र तो एक रिश्ता भी साथ नहीं चल सकता..तो तुम क्यूं झूठ की बातें बनाते हो ..
अरे जो है जब तो है..तब तक उसे ईमानदारी से निभाओ....बाद में नहीं होगा तो तुम्हे ये ना लगे कि जब था तो क्यों रुलाया...
"जीवन में कुछ चीजें हमेशा गलत नहीं होती
अगर आपका तारीक ओर करने का ढंग गलत ना हो..."
एक से रिश्ता बनाकर दूसरे का हो जाना तो गलत है...
मगर एक से सच्चाई से रिश्ता रखकर ..
उसे ईमानदारी से निभाकर..
अगर छोड़ भी दिया तो वो किस्मत होती है..
तुम्हारी बुरी लत नहीं होती...
तो जाइए और अपने वादे निभाइए..
जिसे आप कुछ कहना चाहती है कहिए🙃
#हैप्पी प्रोमिस डे...