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Chapter 10 देविका ने पढ़ा पत्र
मोहनलाल ने पत्र को ध्यान से देखा और सोचा कि कहीं कुछ शब्द तो पढ़े जा सकते हैं। उसने पत्र को देखा और धीरे-धीरे-धीमे शब्दों को पढ़ा।



मैं...मित्र.... नागराज... मेरी पत्नी नागलोक... नागमणि... देविका के अंदर है। 😐😶‍🌫 वह बस इतने ही कुछ शब्द समझ पा रहा है।।

मणि... देविका...

मोहनलाल को लगता है कि यह शब्द किसी महत्वपूर्ण संदेश को प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने आगे पढ़ने की कोशिश की, लेकिन इंक की वजह से शब्द धुंधले हो गए थे।

"देविका की शादी 23 दिसंबर को दक्ष के साथ होगी.. आम इंसान से नहीं... भस्म हो जाती है... 😶😵

नागलोक.....

मोहनलाल को यह शब्द समझ नहीं आया। वह सोच रहा था कि नागलोक में कौन है और क्यों है। आखिर है कहा ये नागलोक 💭



"नाग...शक्ति...देविका के पास..."मेरी मणि.. मुझे वापस...23 में ☹️☹️😶‍🌫अब देविका अपनी नागमणि की शक्ति से बहुत कुछ ऐसा कर सकती है जो आम इंसान नहीं कर सकता... नागमणी मेरी... 💫💫 अरे ये सब का लिख है अच्छे से दिखाई भी नही दे रहा ☹️



मोहनलाल के ये शब्द देखकर आश्चर्य हुआ। वह सोच रहा था कि देविका के पास नाग शक्ति क्या है।मोहनलाल ने देविका के हाथ में पत्र देकर कहा, "देविका, इसको पकड़ो और में अपना चस्मा लेकर आता हूँ sayad फिर कुछ देख सकु।। 💭



"बाबा, ये क्या है?" देविका ने पूछा।♥



मोहनलाल ने कहा,"यह बस एक चिठ्ठी है पंडित जी ने दी थी

देविका पूछती है बाबा है का इसके अंदर ??

"मुझे नहीं पता, लेकिन लगता है कि यह कुछ महत्वपूर्ण है।"यह बस पंडित जी ने दी थी तो isliye पढ़ने की सोच रहा हूँ।। देविका के हाथ में अब वो पत्र है...