जानवर (इक लघु कथा)
वो भूखी कुतिया कूड़े के ढेर में खाना ढूंढ रही थी।दो दिनों से भूखी थी।अचानक एक लिफ़ाफ़ा देखा तो आस जगी। लिफ़ाफ़े में अजीब सी हलचल देख कुतिया बेचैन होने के साथ साथ सतर्क हो गई परंतु दो भूखे कुत्ते भी बेचैन हो गए । दोनों पास की दुकान पर बैठे लोगों के पास जाकर भौंकते फिर कूड़े के ढेर में पड़े लिफ़ाफे के पास लौट आते। कुतिया तो मानो लिफ़ाफे के पास जम गई थी। भौंके जा रही थी।
एक बुजुर्ग दम्पत्ति ने महसूस किया कि कुछ बात तो है, चलकर देखना चाहिए। उस हिलते लिफ़ाफ़े को खोलते ही वो सन्न रह गए। इक दुधमुंही बच्ची लगभग मरणासन्न अवस्था में पड़ी थी। वो हैरत में पड़ गए। फौरी तौर पर लोगों की मदद से बच्ची को बचा लिया गया। दोनों भूखे कुत्ते और वो कुतिया फिर से कूड़े के ढेर में खाने की तलाश में लग गए।
पुलिस अभी भी उन जानवरों की तलाश में है जो नवजात बच्ची को वहां लिफ़ाफ़े में फेंक गए थे!
ऐसे आवारा जानवरों की संख्या वाकई बढ़ती जा रही है!
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
एक बुजुर्ग दम्पत्ति ने महसूस किया कि कुछ बात तो है, चलकर देखना चाहिए। उस हिलते लिफ़ाफ़े को खोलते ही वो सन्न रह गए। इक दुधमुंही बच्ची लगभग मरणासन्न अवस्था में पड़ी थी। वो हैरत में पड़ गए। फौरी तौर पर लोगों की मदद से बच्ची को बचा लिया गया। दोनों भूखे कुत्ते और वो कुतिया फिर से कूड़े के ढेर में खाने की तलाश में लग गए।
पुलिस अभी भी उन जानवरों की तलाश में है जो नवजात बच्ची को वहां लिफ़ाफ़े में फेंक गए थे!
ऐसे आवारा जानवरों की संख्या वाकई बढ़ती जा रही है!
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
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