...

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त्रिकोण
भाग 2

"अंजाम ए मोहब्बत" की फ़िक्र
किसे थी यारों...
किसके नसीब मे, कौन लिखा है
ये, तो खुदा के हाथो था...

जिस इसिटीट्यूट मे विनीता ने एडमिशन ले रखा था
वहां एक सुन्दर सज़ीला, नौजवान आता था,
इंस्टिट्यूट के सर का फ्रेंड था
गवर्नमेंट जॉब मे था.....
अचानक,
एक दिन क्लास ख़तम होने के बाद, उसकी नज़र विनीता पर पड़ी,

पहली ही नज़र मे वो उसे भा गई
उसने सारी विस्तृत जानकारी, इंस्टिट्यूट के सर से विनीता के बारे मे पूछ ली,
उसके बाद वो लगातार इंस्टिट्यूट उसी समय आता था, जब
विनीता की क्लास ख़तम होती थी...

उसने कई बार कोशिश करी कि, विनीता की नज़र उस पर पड़े

पर विनीता ने कभी भी ध्यान नहीं दिया, या यू कहो की, वो अपने विचारों मे इतनी उलझी होती थी कि,
उसका उस ओर ध्यान ही नहीं गया

एक दिन क्लास ख़तम होने के बाद उस नौजवान ने विनीता से बात करनी चाही...
विनीता ने भी नार्मल बात कर ली !

दूसरे दिन, फिर उस नौजवान ने विनीता को रास्ते मे रोक लिया
और उसे घर छोड़ देने की पेशकश की !
पहले तो,
विनीता ने मना किया
उसे लगा ये सर के दोस्त जबरदस्ती ही उससे बात कर रहे है,

वो चुपचाप रास्ते मे आगे बढ़ती ही जा रही थी,
बिना उस नौजवान की ओर देखे !
और दूसरे दिन जाकर उसने इंस्टिट्यूट के सर से शिकायत कर दी !
सर ने हस कर बात टाल दी,
वो उस नौजवान की मंशा जानते थे...

कुछ समय गुजरा...
इधर, विनीता के पास, उस लड़के का ख़त लेकर आये हुए छोटे बच्चे ने...
ख़त को उसकी मम्मी के हाथ दे दिया

मम्मी ने ख़त पढ़ा...
दो लाइन ही लिखी थी

विनी, "मै तुमसे मिलना चाहता हूँ
"मुझे जरुरी बात करनी है "

लम्बी लम्बी बाते करने वाला,
"अंजलि" के बारे मे,
सिर्फ दो लाइन लिख, विनीता के लिए मुसीबत खड़ी कर गया !
मम्मी को काटो तो खून नहीं
खूब हंगामा हुआ घर मे...

विनी के नाम कोई ख़त आया
लड़की घर की इज़्ज़त उछाल रही है
और ना जाने कितनी ऐसे बाते विनीता को हर कोई सुना रहा था !

विनीता की बात ना तो कोई सुन रहा था, ना समझ !

उस छोटे बच्चे को पकड़ कर लाया गया...
उससे पूछा गया, उसे ये ख़त किसने दिया, बच्चे ने नाम बोल दिया
अब और हंगामा
अब तो घर के बड़े लोग भी इस हंगामे मे शामिल हो गये !

उस लड़के के घर की ओर रुख लिया गया..

उस लड़के को उसके घर वालों के सामने को धमकाया गया!

"अपनी औकात मे रहे"
घर का गरीब होकर
बड़े घर की लड़की पर नज़र ना रखे
उसके गरीब होने पर
उसको खूब भला बुरा कहा गया
उसे बेइज़्ज़त किया गया
लड़का सबके सामने शर्मिंदा हुआ !

गरीब होने का उलाहना उसे अंदर तक चोट दे गया !

विनीता, ऐसी थी कि, अगर वो लड़का भी उससे प्यार करता तो...
शायद वो उसके लिए सारे परिवार से लड़ जाती,

पर उसके पास इस वक़्त चुप रहने के आलावा और कोई चारा ना था..
ना तो, वो ये कह सकती थी कि
गर वो लड़का उसे बुला रहा तो
उसे, उसके लिए नहीं
अंजलि के बारे मे बात करने बुला रहा था,...
क्युकी इसमें बिना मतलब अंजलि फसती...
जिसे कुछ भी नहीं मालूम था

विनीता की कजिन सिस्टर ये बात जानती थी....
की विनीता उस लड़के को कितना पसंद करती थी
इस त्रिकोण के बारे मे उसे जानकारी थी, पर घर वालों के डर से वो भी चुप थी !
इसके बाद तो विनीता पर और बंदिशे लगाई गई !
घुटन होती थी विनीता को उस माहौल से, उसका इंस्टिट्यूट जाना बंद करवा दिया था !

कुछ दिनों, बाद,
उनके घर, विनीता के लिए
वो नौजवान अपनी माँ के साथ विनीता का हाथ मांगने आ गया !

घरवाले सब खुश....
लड़का, गवर्नमेंट जॉब मे था
दिखने मे बेहद आकर्षक था...
समाज मे अच्छा खासा नाम था उस परिवार का...
दो, कपडे मे विनीता को ले जाने को तैयार था, दहेज़ विरोधी था

आनन, फानन मे विनीता की सहमति लिए बिना शादी की तैयारी चालू हो गई,
लड़के मे सारे गुण होने पर भी,

उससे प्रेम नहीं होने पर उस नौजवान से कैसे शादी कर लू,
इसी पशों पेश मे, विनीता....
जिससे प्रेम है... उससे कम से इस बात की जानकारी होनी चाहिए...
ये सोचकर....
विनीता ने सिर्फ एक बार उस लड़के से मिलना चाहा.

विनीता ये शादी नहीं करना चाहती थी...

उस लड़के के भाई से विनीता ने लड़के को कहलावा भेजा कि...
वो एक बार उससे मिलना चाहती !

लड़का पहले ही आहत....
संदेशा मिलते ही
अपने छोटे भाई पे बिफर उठा
कि, उसे नहीं मिलना!!!!"
जाके कह दे विनी से...
उसे दोबारा मिलने की कोशिश ना करें !

विनीता रात भर रोती रही,
कसम खा ली,
उसने की लाइफ मे कभी मुड कर, उस लड़के का चेहरा भी नहीं देखेगी !

अगले ही महीने विनीता ने
उस नौजवान से शादी कर ली !

अचानक !
विनीता की शादी !
सब चौक पड़े
अभी, तो उसने पढ़ना बाकि था
अपने लाइफ मे, उसे कुछ करना था, ऐसा क्या हुआ.... जो विनीता की शादी कर दी गई !

विनीता अपने लाइफ मे खुश थी, उसे किसी चीज की कमी नहीं थी
वो अपने घर संसार मे लग गई...

एक दिन, किसी विवाह समारोह मे उसकी कजिन, सिस्टर की मुलाक़ात उस लड़के से हो गई!

थोड़ी बातचीत के बाद, उस लड़के ने
विनीता के बारे मे जानना चाहा
कि, वो कैसी है
उसकी कजिन ने, उस लड़के, से
सिर्फ, इतना कहा कि,
तुमने विनीता के साथ अच्छा नहीं किया,
वो तुम्हे कितना चाहती थी, और तुमको जो पसंद थी, उसे तुम कभी पसंद थे ही नहीं...
उसे तो कोई राजकुमार चाहिए था..
तुम अगर अंजलि से कभी कहते भी तो, वो तुरंत,तुुम्हारे प्रस्ताव को ठुकरा देती !
वो तुम्हे वैसे भी नहीं मिलती...

तुम गलत ट्रैन पकड़ना चाह रहे थे !

विनीता ने सिर्फ तुम्हे चाहा,
अगर तुम एक बार भी उससे कह देते, कि तुम्हे उससे, मोहब्बत है
तो शायद विनीता घरवालों से बगावत कर जाती...
तुम्हारा इंतजार करती....
तुम्हारे कुछ बन ने पर तुमसे शादी करती...

बचपन की दोस्त थी विनीता उस लड़के की,
वो एक दम से सकते मे आ गया !

उसे हैरत हुई,
ये बात जानकर, कि
विनी उसे प्यार करती थी !

वो कितना अंधा था !

" विनी "का ये प्यार उसे क्यों समझ नही आया !

उसे खुद पर गुस्सा आ रहा था कि, वो इतना अनजान कैसे हो सकता था..

उसे विनीता का प्यार क्यों नज़र नहीं आया...

वो वही सारी बातो को याद करते बैठ गया....

उसे पुरानी सारी बाते याद आ रही थी
जो, अच्छे पल उसने विनीता के साथ गुजारे थे...

उसकी आँखो मे आंसू आ गए !!


स्मृति.