विकास का अंत और शुरुआत...
बस्ती उजड़ गई...मकान बह गए..रास्ते टूट गए.... खिलखिलाते चेहरे भी मुरझा गए । रह गए कुछ अवशेष विकास के, बाकी रह गई कुछ संघर्ष की कहानियाँ...ये कैसी तस्वीर है विकास की ?
पिछले कल का ये एक मंज़र पुरानी यादों के एक सफ़र पर ले गया। वर्ष 2012,...