दहेज...
#एक और सच्चाई.....
ढेरों उम्मीदों के साथ बाबुल ने अपनी बेटी को विदा किया
अपने सामर्थ्य से भी अधिक, शादी में उन्होंने लगा दिया
बेटी की खुशियों की खातिर अपनी पगड़ी को भी उन्होंने झुका दिया..
विदा की घड़ी आई तो सभी की आंखों से अश्रु धार बही ,पर पिता ने हंसते-हंसते अपने दिल के टुकड़े को विदा किया..
नया परिवार ,नयी खुशियों की उम्मीद ले बेटी थी...
ढेरों उम्मीदों के साथ बाबुल ने अपनी बेटी को विदा किया
अपने सामर्थ्य से भी अधिक, शादी में उन्होंने लगा दिया
बेटी की खुशियों की खातिर अपनी पगड़ी को भी उन्होंने झुका दिया..
विदा की घड़ी आई तो सभी की आंखों से अश्रु धार बही ,पर पिता ने हंसते-हंसते अपने दिल के टुकड़े को विदा किया..
नया परिवार ,नयी खुशियों की उम्मीद ले बेटी थी...