"वृंदावन रज का चमत्कार"
आप सभी को प्यार भरा नमस्कार 🙏🏻🙏🏻
5 मिनट का समय निकाल कर जरूर पढ़े....और अपने विचार मेरे साथ सांझा करें।
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श्री वृंदावन में एक विरक्त संत रहते थे जिनका नाम था पूज्य श्री सेवादास जी महाराज | श्री सेवादास जी महाराज ने अपने जीवन मे किसी भी वस्तु का संग्रह नही किया। एक लंगोटी, कमंडल, माला और श्री शालिग्राम जी इतना ही साथ रखते थे। एक छोटी सी कुटिया बना रखी थी जिसमे एक बड़ा ही सुंदर संदूक रखा हुआ था। संत जी बहुत कम ही कुटिया के भीतर बैठकर भजन करते थे, अपना अधिकतम समय वृक्ष के नीचे भजन मे व्यतीत करते थे।
यदि कोई संत आ जाये तो कुटिया के भीतर उनका आसान लगा देते थे। एक समय वहाँ एक बदमाश व्यक्ति आया और उसकी दृष्टि कुटिया के भीतर रखी उस सुंदर संदुक पर पडी। उसने सोचा कि अवश्य ही महात्मा को कोई खजाना प्राप्त...
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श्री वृंदावन में एक विरक्त संत रहते थे जिनका नाम था पूज्य श्री सेवादास जी महाराज | श्री सेवादास जी महाराज ने अपने जीवन मे किसी भी वस्तु का संग्रह नही किया। एक लंगोटी, कमंडल, माला और श्री शालिग्राम जी इतना ही साथ रखते थे। एक छोटी सी कुटिया बना रखी थी जिसमे एक बड़ा ही सुंदर संदूक रखा हुआ था। संत जी बहुत कम ही कुटिया के भीतर बैठकर भजन करते थे, अपना अधिकतम समय वृक्ष के नीचे भजन मे व्यतीत करते थे।
यदि कोई संत आ जाये तो कुटिया के भीतर उनका आसान लगा देते थे। एक समय वहाँ एक बदमाश व्यक्ति आया और उसकी दृष्टि कुटिया के भीतर रखी उस सुंदर संदुक पर पडी। उसने सोचा कि अवश्य ही महात्मा को कोई खजाना प्राप्त...