...

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इंतजार रहेगा आपका...
कभी कभी दिल ये सोचने पर मजबूर हो जाता हैं की हमने ऐसा क्या किया की हमें इतनी तकलीफ मिल रही हैं। कभी चाहा नहीं की मोहब्बत हो और जब हुई तो बिना मोहब्बत के मुश्किल हैं। जिनकी वो बातें आज भी याद आती तो ये सुनकर दिल रोता हैं की आज उनके जुबां से जो बातें निकल रही हैं जो कभी सोचा ही नहीं था। मेरा कसूर इतना हैं की मैंने बेहद मोहब्बत की और मैंने पूरी दुनिया सिर्फ उन पर देखी हैं। जो मैं करने से डरती थी वो उनसे मिल कर करने लगी। उनके एहसास को उनकी बातों को कैसे भूल जाऊँ। कैसे मैं उनसे दूर रहूँ। लेकिन मैं सिर्फ खामोश हूँ क्योंकि उनकी परेशानी जानती हूँ इसलिए कुछ वक़्त के लिए मैंने अपने अरमानों को दबा दिया। मैंने उनसे क्या सुनने की इच्छा को रोक दिया। मेरी वजह से वो परेशान हैं इसलिए मैंने खामोश रहना ठीक समझा।
मैं वही निहारिका हूँ जिसने खुद से पहले उन्हें चाहा हैं, उन्हें माना हैं और खुद को उन्हें सौंप दिया। बस मैं इंतजार करुँगी जब तक आप ख़ुशी के पास, बेचैन होकर नहीं आ जाते। बस मुझे मेरे मेहबूब का इंतजार रहेगा।
© Niharik@ ki kalam se✍️