अमरत्व
एक छोटा पहाड़ था।उस पहाड़ पर एक सुंदर आश्रम और उसके आसपास फल-पुष्पों का वन था।उस वन में एक छोटी सी कुटिया थी।उस कुटिया में एक संत रहते थे।ओ संत सदैव प्रफुल्लित एवं प्रसन्नचित्त रहते थे। वह तेजस्वी थे और एक कर्मयोगी भी थे।वह ओ संत हरपल हरक्षण जीवनोत्साह आनंदमय सत्यानुभव करते हुए अपना जीवन प्रकृति के मध्य बहुत संतोष से व्यतीत कर रहे थेऔर परिशुद्ध प्रेमपूर्ण सब के साथ समय बीताते हुए समत्वदर्शित भाव से...