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पराया-धन (2)
परायाधन कहकर भी वह कभी पराई नही हो पाई.....
बेटी तो ऐसी अनमोल रत्न है ,जो कीमती होकर भी सिर्फ त्याग की मूरत कहलाई...

यह कहानी है निशा की जो बहुत बडी-लिखी समझदार सुलझी हुई थी ।निशा की एक दिन मग्नी (engagement)तय हो गईं ।जोरो शोरो से मग्नी की तैयारी होने लगी।

निशा के माता-पिता मजदूरी करते थे ।तभी भी उन्होनें...