सक एक बिमारी
यह कहानी है तब की जब एक रात एक बच्चे का जन्म हुआ।वह बच्चा जन्म से ही बहुत सुंदर और ताकतवर था। जब वह ५ वर्ष का था तब उसने
कई अनोखे काम किया और साथ ही उसने कई अस्त्र- शस्त्र चलाना भी सीख लिया। जब वह १४ साल का हुआ तो अपने गुरु से आशीर्वाद लेकर अपने घर की ओर चल दिया। माँ ने उसे देखते हैं गले से लगा लिया। बेटा बोला माँ अब मैं आपका ध्यानपूर्वक सेवा करूंगा और आपके चरणों में अपना सारा जीवन बीता दुंगा।माँ ने कहा नहीं बेटा मैंने तुझे अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान इसलिए नहीं दिया है कि तुम मेरे चरणों में रहो। बल्की तुम्हें तो अपने पिता का बदला लेना है। लड़का बोला- ठिक है माँ जैसा आप उचित समझे । मैं आज ही राजमहल में जाकर नौकरीे लेता हूं और फिर मौका मिलतेे ही उस राजा को मार डालूँगा। फिर वह लड़का राजमहल में पहुंचा और जब महल में घुसा तब उसने देखा की सभी लोग राजा के बारे में बहुत अच्छी-अच्छी बातें कर रहे थे । उसने यह भीे सुना की राजा अपनी बेटी के विवाह के लिए एक ऐसा लड़का ढूंढ रहे हैं जो उनके राज्य को संभाल सके। फिर वह लड़का वहां से चला गया और राजा के पास जाकर नौकरी के लिए आग्रह करने लगा। राजा ने उसे उस स्थान पर नौकरी दी जिस स्थान पर उसके पिताजी को नौकरी मिली थी। कुछ ही दिनों बाद उसे राजा को मारने का बहुत ही अच्छा मौका मिला। लेकिन तभी उसे पता चला की उसे और उसकी माता को राजा ने धोखा नहीं दिया था। बल्कि राजा को तो उनके बारे में खबर भी न थी। उसने यह बाते अपनी मां को बताया।माँ भी आश्चर्य चकित हो गयी, उसने अपनी गलती के लिए ईश्वर से माफी मांगी और अपने बेटे को वहीं पर नौकरी करने के लिए कहा।कुछ दिनों बाद उस राज्य पर दुश्मन की फौज ने हमला कर दिया।उस लड़ाई में लड़के ने अपनी सारी ताकत से दुश्मन की फौज को मार गिराया और विजय प्राप्त की। लड़ाई खत्म होने के बाद राजा ने अपने दरबार में सभी के सामने यह घोषणा की कि वह अपनी बेटी का विवाह उसीलड़के से करेगा और अगले सप्ताह उन दोनों का विवाह होगा । साथ ही राजा ने यह भी कहा कि वह अपना सारा राज्य उसे और अपनी बेटी को सौंप कर एक साधु की तरह जीवन व्यतीत करेगा।फिर अगले ही हफ़्ते उन दोनों की शादी हो गई और दोनों अपने राज्य में खुशी-खुशी रहने लगे।
शिक्षा: हमें कभी भी सामने वाले की सच्चाई जाने बिना उसपर सक नहीं करना चाहिए।