...

7 views

तेरे लिए
उसने जीवन को
कुछ जल्दी जिया था औरों के मुकाबले
जिया भी था, सीखा भी था
और फिर हर सीख भुलाई भी थी
वो कतई खुले विचारों वाली
मेट्रो कल्चर की नाइट लाईफ की
दीवानी लड़की हुआ करती थी
दोस्तों के मामले में खुशनसीब
हंसती बोलती खनकती सी लड़की
जो दुनिया में भगवान से ज्यादा
अपने सपनों पर यकीन करती थी
उसे जीतनी थी जिंदगी
हर हाल में, हर मायने में
प्यार से भागती हुई
इसलिए नहीं कि
दुनिया पर भरोसा नहीं था
उसे इस इकलौते मामलें में
खुद पर रत्ती भर भरोसा नहीं था
उसे यकीन था कि प्यार तो उसे होने से रहा
और ये भी जानती थी कि हर बार की तरह
किसी और को उससे मोहब्बत जरूर हो जाएगी

वो दिल तोड़ने की मशीन
नहीं बनना चाहती थी
वो हंसती खेलती त्रासदी है
लोगों को यह समझने में वक्त लग जाता है
हम जिंदगी में जिस एक चीज से
सबसे ज्यादा भागते हैं
वो हम तक पहुंचने का रास्ता
जरूर खोजती है
वो कहती थी पूरे विश्वास से
मुझे तो प्यार नहीं होगा
पर किसी को मुझसे हो गया तो
उसे नहीं पता था कि ब्रह्मांड में मौजूद
सूक्ष्म तत्व हमारी कही बातों का
डेटा बेस बनाकर रखते हैं
किस्मत हमारी कही बातों को
चुनौती की तरह लेती है
कि भरोसे पर इतना घमंड भी ठीक नही
अब दिखाना होगा तुम्हें जिंदगी का खेल

फिर एक दिन उसे अचानक प्यार हुआ
ऐसा प्यार जिन पर किताबें लिखी जाती है
ऐसा प्यार जो सदियों से चली आ रही
किस्सागोई को जन्म देता है
ऐसा प्यार जो उससे ठीक विपरीत
ओल्ड स्कूल था ओल्ड मौंक की तरह
उसने कोशिशे की इसे अस्थायी मानने की
उसने आवाजे लगाईं बाहर की दुनिया को
उसकी अपनी दुनिया को
कि इस अजनबी शहर से
मुझे वापस ले आने के लिए
कोई तो दूत भेजें पर हर बार
देहरी पर खड़े अपनी दुनिया के
मसीहा को उसने खुद ही
बाहर का रास्ता दिखा दिया

उसे नहीं पता था उसे प्यार भी हो सकता है
वो हमेशा बचती रही दूसरों के लगाव से
कि उसे नहीं उलझानी थी उनकी जिंदगी
इस सब के बीच वो कब खुद उलझ गई
किसी के मोहपाश में
दूसरों को बचाते बचाते
वो कब खुद को बचाना भूल गई और क्यों
इसका जवाब ढूंढने पर भी नहीं मिल पाया भीतर की परिपक्वता कई बार
हम पर भारी पड़ जाता है
वो ब्लैक और व्हाइट में यकीन रखती थी
ग्रे उसे दुनिया का सबसे खूबसूरत
छलावा लगता था
उसने प्यार जब किया
तो फिर टूटकर किया
वो भूल गई ये देखना कि
वो अकेली टूट रही है
वो भूल गई खुद को बचाना
वो भूल गई इस बात पर
नाराज होना कि जब
वो टूटकर बिखरती है तो
तुम उसे समेटने क्यों नहीं आते
वो भूल गई ये पूछना कि
क्या तुम चाहते भी थे ये प्रेम
उसने बिना तुमसे पूछे
तुम्हें अपना भगवान मान लिया
वो भूल गई ये पूछना कि
क्या तुम कभी अपने उस
भविष्य की कल्पना कर पाते हो
जिसमें वो मौजूद नहीं है
वो भूल गई ये पूछना कि
यदि हां तो फिर उसके लिए
ये सोच पाना आत्महत्या से भी
बदतर क्यों लगता है
उसे नहीं भूलना चाहिए था
पर सब जानते हुए वो भूल गई
वो भूल गई हर बार
तुम्हारे पास खुद वापस आने की आदत
वो भूल गई तुम्हारे साथ सपने बुनते बुनते
तुम तो कब के नींद से जाग चुके हो
तुम्हारी हर कही बातों को याद करते करते
वो भूल गयी ये देख पाना कि
तुमने शायद काफी पहले
उन बातों को भूलने का फैसला ले लिया था

याददाश्त जब एकतरफा हो तो
जान पर बन आती है
ये काश उसे याद होता
इस एक साल ने अंततः उसे
कन्विंस करने की कोशिश की
कि तुम्हारी हार हुई है, मान लो
सबक लो और आगे बढ़ो
पर अपने भरोसे पर जो घमंड था
अफसोस कि वो आज भी जिंदा है
उसने दोहराया जिंदगी के कानों में
उसे छोड़ दिया तो
वो मेरी मोहब्बत में टूट जाएगा
उसका दिल कीमती है और
बेशकीमती दिल तोड़ने पर पाप चढ़ता है

वो हंसती है
किस्मत की आंखों में आंखे डाल
और कहती है
मैंने क्लाईमेक्स में जिंदगी जीतनी सीखी है
© शिवप्रसाद