मन का ठहराव...
जब भी ज़िंदगी में शून्यता आने लगती है, मुझे ये जैसे अपने दामन में बुला लेते हैं।
एक रूहानी सा सकून है इनके साये में , खामोश समझ है, जो बिना कुछ बात किए सब समझ लेते है।
कोई बात भी नहीं होती...
एक रूहानी सा सकून है इनके साये में , खामोश समझ है, जो बिना कुछ बात किए सब समझ लेते है।
कोई बात भी नहीं होती...