उठ भंग कर निद्रा
उठ भंग कर निद्रा वतन की शान अब खतरे में है..
आवाम दे आवाज, हिंदुस्तान अब खतरे में है..
ये कौन सी चलती सियासत चाल अपने देश में
करने हुकूमत देश बटता जा रहा है प्रदेश में..
कितने विभागों का शमन कितने विभागों का दमन..
सरकार से चलते नहीं अब हो रहा क्यूं निजकरण..
खतरे में हर इंसान,स्वाभिमान अब खतरे में है..
उठ भंग कर निद्रा वतन की शान अब खतरे में है..
...
आवाम दे आवाज, हिंदुस्तान अब खतरे में है..
ये कौन सी चलती सियासत चाल अपने देश में
करने हुकूमत देश बटता जा रहा है प्रदेश में..
कितने विभागों का शमन कितने विभागों का दमन..
सरकार से चलते नहीं अब हो रहा क्यूं निजकरण..
खतरे में हर इंसान,स्वाभिमान अब खतरे में है..
उठ भंग कर निद्रा वतन की शान अब खतरे में है..
...