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नारियल का घोंसला
उस दिन कुणाल भरी दोपहरी में बाजार से सामान लेकर आ रहा था। तो रास्ते में उसने देखा कि बहुत से पंछी गर्मी की वजह से बेहोश होकर पेड़ों से नीचे गिर जा रहे हैं। पेड़ छायादार होते हुए भी इस भीषण गर्मी की वजह से पंछियों को छाया नही दे पा रहे हैं। और ना ही उन्हें लू लगने से बचा पा रहे हैं। जिसे देखकर कुणाल बहुत दुखी हुआ और उसने उसने पंछियों की सुरक्षा के लिए कुछ करने का मन बना लिया। मगर बहुत मनन करने पर भी उसे कोई रास्ता दिखाई ना दिया।
इसी गुन धुन में एक दिन कुणाल सवेरे सवेरे सैर से वापस आ रहा था। उसी रास्ते में एक नारियल पानी का दुकान पड़ता था ।जहां बैठकर वो रोज नारियल पानी पीता और पेपर पढ़ा करता था ।ये आदत उसके नित्य क्रिया में शामिल था। उसके बाद वो अपने घर वापस आता था।
उस दिन भी कुनाल ने आम दिनों की तरह ही दुकानदार से नारियल पानी मांगा दुकानदार ने उसे नारियल पानी दिया तो कुणाल पानी पीकर रोजाना की तरह ही खाली नारियल को फेंकने लगा। पर न जाने अचानक उसे क्या सुझा कि उसने उस खाली नारियल को एक पेड़ में बांध दिया। और वहीं बैठ कर पेपर पढ़ने लगा ।पेपर पढ़ते हुए कुणाल को अभी लगभग आधा घंटा ही हुआ होगा कि उसने देखा उस टंगे हुए खाली नारियल पे बैठकर एक पंछी चोंच मार रहा है। मग़र नारियल तो बहुत सख्त होता है। इतनी आसानी से उस में छेद नहीं किया जा सकता..? मगर उसे उस पंछी की हरकतों को देखकर एक ख्याल आया कि अगर हम इस खाली नारियल में बड़ा सा छेद करके जगह-जगह पेड़ों पर बांध दे तो यह पंछियों को आश्रय देगा ।उसे गर्मी ,लू ,तेज बारिश,सर्दी और तूफानों से भी बचाएगा...!!
अपने इस ख्याल पे कुणाल मन ही मन मुस्करा उठा
फिर क्या था फटाफट से कुणाल ने इस पर काम करना शुरू कर दिया और उस नारियल पानी वाले से कहा काका आगे से आप यह खाली नारियल को फेंकना मत और ना ही कचरे वाले को देना । यह सब मैं ले जाऊंगा और इसके बदले आपको कुछ पैसे भी दूंगा..!इसे मेरे लिए रखना..!!
फिर कुणाल ने अपने दोस्तों की सहायता से सड़क के दोनों किनारे में अपने घर के साथ साथ अगल-बगल के पेड़ों में भी खाली नारियल का खोसला बना बनाकर बांध दिया।जिसे पंछी अपना नया आशियाना समझ उसमें रहने लगा।आज कुणाल की वज़ह से बहुत से पंछियों को आश्रय मिला और वह गर्मी के भीषण प्रहार का शिकार होने से बच सका.!! बाद में कुणाल ने अपने सभी जान पहचान वालों को भी इस बारे में बताया और फिर सभी ने एक जुट होकर इस पर काम किया।जिससे पंछियों को काफी राहत मिला। साथ ही सभी ने कुणाल की इस सुझ बुझ और समझदारी की खूब प्रशंसा भी की..!!
किरण