सेफ हाऊस
गली मे सुबह से बहुत शोर शराबा सुना जा सकता था, कुछ लोग गली के कुत्तों को भगा भगा कर पकड़ रहे थे। शायद कोई अपने पालतु को पकड़ रहा होगा यही सब सोच कर हमने इसे अनदेखा कर दिया।
दोपहर को किसी ने डोर बैल बजाई तो पता चला एक आदमी जिसकी टांग लहूलूहान हो रही थी बोला कि उसे आप सब गली के लोग पैसे दो ताकी वो अपना इलाज करा सके।
“भाई किस बात के पैसे और कौन हो तुम? मैने डांटते हुए पूछ लिया।
वो पूरे हक़ अधिकार से बोला
“ जी मुझे इस गली के लोगों ने बोला था की यहां के कुत्ते पकड़ कर बाहर छोड़ आऊं”
तो...
दोपहर को किसी ने डोर बैल बजाई तो पता चला एक आदमी जिसकी टांग लहूलूहान हो रही थी बोला कि उसे आप सब गली के लोग पैसे दो ताकी वो अपना इलाज करा सके।
“भाई किस बात के पैसे और कौन हो तुम? मैने डांटते हुए पूछ लिया।
वो पूरे हक़ अधिकार से बोला
“ जी मुझे इस गली के लोगों ने बोला था की यहां के कुत्ते पकड़ कर बाहर छोड़ आऊं”
तो...