अंतिम मुलाक़ात
अंतिम मुलाक़ात...
गार्डन में इंतजार करती अनुपमा आज अंतिम बार राहुल से मिलने आई..तभी राहुल आ गया..
अनु- ये क्या.. इतनी देर क्यूँ की तुमने
तुम्हें पता भी है कितनी मुश्किल से वक़्त निकाला है मैंने...
राहुल- रिलेक्स अनु... ट्रैफिक में फ़स गया था..और ये क्या तुम्हारी आँखें भरी हुई क्यों हैं..?
अनु- राहुल... मुझे तुमसे दूर जाना होगा.. ये हमारी आखिरी मुलाक़ात है. इसलिये मैंने तुम्हें समझाने को बुलाया है.. मेरे कर्तव्य मुझे रोकते हैं...
राहुल- तुम भूल रहे हो अनु ये पहली मुलाक़ात है हमारी.. !
अनु-हाँ पर यही आखिरी भी है..
राहुल- ओह्ह अब समझा...
अनु-क्या समझे..?
राहुल- अब हमारे जुदा होने का समय आ गया है..
अनु- हाँ... तुम बहुत नेक इंसान हो.. मैं तुम्हारी बहुत रेस्पेक्ट करती हूँ.. पर तुमसे प्रेम...
गार्डन में इंतजार करती अनुपमा आज अंतिम बार राहुल से मिलने आई..तभी राहुल आ गया..
अनु- ये क्या.. इतनी देर क्यूँ की तुमने
तुम्हें पता भी है कितनी मुश्किल से वक़्त निकाला है मैंने...
राहुल- रिलेक्स अनु... ट्रैफिक में फ़स गया था..और ये क्या तुम्हारी आँखें भरी हुई क्यों हैं..?
अनु- राहुल... मुझे तुमसे दूर जाना होगा.. ये हमारी आखिरी मुलाक़ात है. इसलिये मैंने तुम्हें समझाने को बुलाया है.. मेरे कर्तव्य मुझे रोकते हैं...
राहुल- तुम भूल रहे हो अनु ये पहली मुलाक़ात है हमारी.. !
अनु-हाँ पर यही आखिरी भी है..
राहुल- ओह्ह अब समझा...
अनु-क्या समझे..?
राहुल- अब हमारे जुदा होने का समय आ गया है..
अनु- हाँ... तुम बहुत नेक इंसान हो.. मैं तुम्हारी बहुत रेस्पेक्ट करती हूँ.. पर तुमसे प्रेम...