...

18 views

एक पहेली मेरी जिंदगी की।।।(part-1)
नींद टूटी। सुबह के ५ बजगाए थे। धुंधले नज़रों से मेंने खिड़की की और देखा। धुंध छाई हुई थी, सर्दी का मौसम था। ठंडी बाद- ए- सबा( सुबह की ठंडी हवाएं) महसूस हो रही थी। सुबह दौड़ने जाना मेरी आदत बन गई है।
मैंने दरवाज़ा खोला। थोड़ी रोशनी थी। मै निकल गया juggling के लिए। पहाड़ी जगह है, सड़क के दाईं और एक बड़ी पहाड़ी है। और उसके बाईं और लगभग १००-१५० फीट गहराई। नमी के वजह से एक अलग ही खुस्बू, महक महसूस होती है हवा की ,पहाड़ियों की, मिटटी की। लगता है जैसे एक अलग ही दुनिया हो।...