वास्तविक सफलता की पहचान
*वास्तविक सफलता की पहचान*
सुबह जागने से लेकर रात्रि को सोने तक हम अनेक कार्यों में संलिप्त रहते हैं। अपने व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक स्तर पर, सामाजिक स्तर पर हम अपने मन में किसी लक्ष्य की प्राप्ति के हेतुक कोई ना कोई कार्य प्रारम्भ करते हैं। यदि सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय की भावना के आधार पर कार्य किया जाता है तो इसके परिणाम भी सुखद ही होते हैं।
हम सभी के जीवन में चुनौतियां और परिस्थितियां नैसर्गिक रूप से आती ही हैं जो हमारी आन्तरिक क्षमताओं और शक्तियों से हमारा परिचय कराती है। हर व्यक्ति अपनी क्षमताओं, शक्तियों और विशेषताओं का संतुलित रूप से युक्तियुक्त उपयोग करने का प्रशिक्षण अपने व्यक्तिगत विवेक और बुद्धिबल से स्वयं को देता है। व्यक्तिगत कुशलता और मानसिक सन्तुलन के आधार पर हम चुनौतियों का डटकर सामना करके उन पर जीत हासिल करते हुए अपना लक्ष्य या उद्देश्य प्राप्त करने में सक्षम होने लगते हैं।
परन्तु मन में उत्पन्न निजी स्वार्थयुक्त अशुद्ध विचारों का मिश्रण होने पर कभी कभी यही उद्देश्य जब उन्माद...
सुबह जागने से लेकर रात्रि को सोने तक हम अनेक कार्यों में संलिप्त रहते हैं। अपने व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक स्तर पर, सामाजिक स्तर पर हम अपने मन में किसी लक्ष्य की प्राप्ति के हेतुक कोई ना कोई कार्य प्रारम्भ करते हैं। यदि सर्व जन हिताय सर्व जन सुखाय की भावना के आधार पर कार्य किया जाता है तो इसके परिणाम भी सुखद ही होते हैं।
हम सभी के जीवन में चुनौतियां और परिस्थितियां नैसर्गिक रूप से आती ही हैं जो हमारी आन्तरिक क्षमताओं और शक्तियों से हमारा परिचय कराती है। हर व्यक्ति अपनी क्षमताओं, शक्तियों और विशेषताओं का संतुलित रूप से युक्तियुक्त उपयोग करने का प्रशिक्षण अपने व्यक्तिगत विवेक और बुद्धिबल से स्वयं को देता है। व्यक्तिगत कुशलता और मानसिक सन्तुलन के आधार पर हम चुनौतियों का डटकर सामना करके उन पर जीत हासिल करते हुए अपना लक्ष्य या उद्देश्य प्राप्त करने में सक्षम होने लगते हैं।
परन्तु मन में उत्पन्न निजी स्वार्थयुक्त अशुद्ध विचारों का मिश्रण होने पर कभी कभी यही उद्देश्य जब उन्माद...