यह एहसास ही है
यह 2008 कि एक ऐसी प्यार की कहानी है जो अलग होने के बाद भी दूर न हो सके क्योंकि किस्मत उन्हें ऐसा धोखा देगी उन्होंने सपने में भी ऐसी कल्पना न की थी।
राँची शहर पहाड़ी पर पूणिमा रहती थी,उसके पिता एक रोगी थे जिसके कारण घर में हमेशा झगड्ऐ मार पीट होती रहती थी, परन्तु सरकारी में चौकीदार की नौकरी मिलने से घर की स्तिथि ठीक थी। एक भाई था जो इन परेशानियों को देखते हुए बचपन से ही खुद कमाने पढने लगा था,ऐक छोटी बहन खेलने में व्यस्त रहती थी,और माँ मजदूरी में,और अब कहानी की अभिनेत्री पूणिमा जो अकेली खुद में ही खुश रहा करती थी और दूसरो को भी खुशी दीया करती थी,बहुत ही बातुनी ,धार्मिक ,सभ्य ,तेज और समझदार है,पर अब वह बड़ी हो रही है 15 की हो गयी है बचपना नहीं गया पर उसके सरकारी स्कूल मे कुछ अलग ही हवा चल रही है प्यार की ,और इस प्यार को जानने पूणिमा भी उतर गई थी,पर उसे पता ही नहीं प्यार क्या है कोई बताता ही नही कहते है तुम बच्ची हो बड़ी हो जाओ पहले, इतने सारे लड़के है कोई न कोई आके सीखा जाएगा तुम्हें ,टी वी भी नहीं है भाई ने गद्दर दिखाई थी उसी से काम चलाना...
राँची शहर पहाड़ी पर पूणिमा रहती थी,उसके पिता एक रोगी थे जिसके कारण घर में हमेशा झगड्ऐ मार पीट होती रहती थी, परन्तु सरकारी में चौकीदार की नौकरी मिलने से घर की स्तिथि ठीक थी। एक भाई था जो इन परेशानियों को देखते हुए बचपन से ही खुद कमाने पढने लगा था,ऐक छोटी बहन खेलने में व्यस्त रहती थी,और माँ मजदूरी में,और अब कहानी की अभिनेत्री पूणिमा जो अकेली खुद में ही खुश रहा करती थी और दूसरो को भी खुशी दीया करती थी,बहुत ही बातुनी ,धार्मिक ,सभ्य ,तेज और समझदार है,पर अब वह बड़ी हो रही है 15 की हो गयी है बचपना नहीं गया पर उसके सरकारी स्कूल मे कुछ अलग ही हवा चल रही है प्यार की ,और इस प्यार को जानने पूणिमा भी उतर गई थी,पर उसे पता ही नहीं प्यार क्या है कोई बताता ही नही कहते है तुम बच्ची हो बड़ी हो जाओ पहले, इतने सारे लड़के है कोई न कोई आके सीखा जाएगा तुम्हें ,टी वी भी नहीं है भाई ने गद्दर दिखाई थी उसी से काम चलाना...