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#शर्तिया चंदन
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
और चंदन इतना कहकर बगीचे के लिए निकल
पड़ा वह मन ही मन बहुत खुश हो रहा था और
सोच रहा था कि आज भी यह शर्त जीतकर वह
फिर गांव वालों की नजर में हीरो बन जायेगा
यही सोचते हुए जैसे ही चंदन हवेली वाले आम
के बगीचे के पास पहुंचा तो उसने देखा कि बगीचे के पास सिपाहियों का कड़ा पहरा है,यह
देख कर चंदन के होश उड़ गए और उसे शर्त
हारने का डर सताने लगा कि कहीं मैं शर्त ना
हार जाऊं, मगर चंदन जिद्दी था वह हर कीमत
पर शर्त जीतना चाहता था और चंदन बगीचे की
ओर चल पड़ा और किसी तरह सिपाहियों को
चकमा देकर चंदन बगीचे में घुस गया और एक
आम के पेड़ पर चढ़ने लगा और उस आम के पेड़
पर ढेर सारे पके हुए आमों को देखकर चंदन बहुत खुश हो रहा था और मन ही मन सोच रहा
था, कि आज तो मैं दस आम तोड़कर ले ही
जाऊंगा और इस शर्त को भी जीतकर दिखाऊंगा, और चंदन ने एक-एक करके नौ
आम उसी डाली से तोड़ लिए और ठीक उसी
डाली पर एक आम और लगा था जो थोड़ा दूर
था मगर चंदन बिना परवाह किये जैसे ही उस
आम को तोड़ने आगे बढ़ा तो आम की डाली टूट
गई और चंदन धड़ाम से आकर जमीन पर गिर
गया, और जोर से गिरने की आवाज सुनकर
वहां सिपाही आ गए और चंदन को पकड़ लिया
और उसे जेल में डाल दिया इस प्रकार चंदन शर्त
हार गया।
© Manish Singh