लोग क्या कहेंगे?
लोग क्या कहेंगे?
यह सवाल हमारी इच्छाओं को दिल के अलमारी में क़ैद कर देता है। हमारा अच्छा हुआ, तो लोग ईर्ष्या के भाव से बातें करते है और बुरा हुआ तो बुराई भी करते है। किसी ने खूब कहा है, "कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है केहना" ...लोगों के बारे में सोचते रह गए तो खुद को कभी जान नहीं पाओगे। खुद कि खुशी से कभी वाकिफ नहीं होंगे, इसीलिए...